May 19, 2024

बीसीआर न्यूज़ (अजय शास्त्री/नई दिल्ली): राजस्थान पत्रिका में आये दिन एक क्लासिफाइड विज्ञापन प्रसारित किया जा रहा है, इस विज्ञापन के जरिये हज़ारों लोगो को चूना लगाया जा चुका है पुलिस में शिकायत भी दर्ज़ है मगर राजस्थान पत्रिका ये विज्ञापन को लगातार प्रसारित करती आ रही है जबकि ये विज्ञापन पूर्णतः फ़र्ज़ी है क्योंकि इस विज्ञापन को प्रसारित करने लिए जो पहचान पत्र लगा है वो भी किसी अन्य व्यक्ति का है जिसका इस विज्ञापन से कोई लेना देना नहीं है जिस व्यक्ति का पहचान पत्र इस विज्ञापन के सत्यापन के लिए लगा है वह दिल्ली रहता है उनसे इस प्रकार का कोई विज्ञापन नहीं दिया तो राजस्थान पत्रिका ने इस विज्ञापन को कैसे प्रसारित कर दिया ? पुलिस में केस चलने बावजूद भी इस विज्ञापन को बंद नहीं किया जा रहा है, इससे साफ़ साफ़ पता चलता है कि राजस्थान पत्रिका की सांठ-गांठ से ही ये फर्जीवाड़ा किया जा रहा है क्योंकि फर्जी आईडी लगाकर ये विज्ञापन प्रसारित किया जा रहा है, जबकि पुलिस उस व्यक्ति को परेशान कर रही है जिस व्यक्ति की आईडी इस विज्ञापन के सत्यापन के लिए लगायी गयी है उस व्यक्ति का नाम है अजित सिंह.

राजस्थान पत्रिका द्वारा चलाये जा रहे इस विज्ञापन के लिए पेमेंट कौन कर रहा है किस खाते से राजस्थान पत्रिका को पेमेंट किया जा रहा है ये सब तो राजस्थान पत्रिका ही बताएगा, मगर पुलिस वाले उस व्यक्ति यानी अजित सिंह को परेशान कर रहे है जिसकी सिर्फ आईडी विज्ञापन के सत्यापन के लिए लगी है.

सबसे बड़े सवाल:
सवाल नम्बर -1:
विज्ञापन के सत्यापन के लिए किसी अन्य व्यक्ति की आईडी कैसे लगायी जा सकती है ?
सवाल नम्बर -२:
जो व्यक्ति विज्ञापन दे रहा है उस व्यक्ति की ही आईडी लेनी चाहिए.
सवाल नम्बर -३:
विज्ञापन राजस्थान के जिला बीकानेर के नापासर में प्रसारित हो रहा है और आईडी दिल्ली की लगायी जा रही है, वह भी किसी अन्य व्यक्ति की.
सवाल नम्बर -४:
जो विज्ञापन दाता विज्ञापन देने के लिए राजस्थान पत्रिका के ऑफिस पहुंचा है तो राजस्थान पत्रिका ने विज्ञापन दाता की आईडी क्यों नहीं ली किसी अन्य व्यक्ति की आईडी क्यों ली ?

इस तरह के अन्य कई सवाल “राजस्थान पत्रिका” समाचार पत्र पर उठते है और सबसे बड़ी बात तो ये है कि जब इस विज्ञापन से कई फर्ज़ीवाड़े हो चुके है और कई पुलिस केस हो चुके है तो “राजस्थान पत्रिका” इस विज्ञापन को बंद क्यों नहीं कर रही है, वहां की स्थानीय पुलिस की मदद क्यों नहीं कर रही है ?
नापासर बीकानेर की पुलिस भी उन लोगो को परेशान कर रही है जो लोग इस विज्ञापन के खिलाफ आवाज़ उठा रहे है या जो लोग इस फर्जीवाड़े में फस चुके है, बहुत लोग इस फर्जीवाड़े से परेशान है मगर राजस्थान पत्रिका इस विज्ञापन को प्रसारित करना बंद नहीं कर रही है और पुलिस भी बेकुसूर लोगो ही परेशान कर रही है.
विज्ञापन “राजस्थान पत्रिका” में प्रसारित हो रहा है तो इस विज्ञापन के जरिये हो रहे फर्ज़ीवाड़े का जिम्मेदार भी सिर्फ और सिर्फ “राजस्थान पत्रिका” समाचार पत्र ही है.

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फर्जीवाड़े का शिकार बने अजित सिंह द्वारा की गयी कार्यवाही 

Dated : 31-03-2018
राजस्थान पत्रिका
संपादक / विज्ञापन सम्बंधित अधिकारी महोदय,

मैं अजित सिंह, पिता श्री चन्द्रिका सिंह पता डब्लू जेड 92 , तीसरा मंजिल ,
मटके वाली गली , ज्वाला हरि मार्किट, पश्चिम विहार दिल्ली -110063  का रहने
वाला हु, मैं भी एक पत्रकार हु और दिल्ली में काम करता हु,   24 मार्च 2018 को
नापासर बीकानेर पुलिस स्टेशन से मेरे पास नोटिस प्राप्त हुवा की मुझे नापासर
बीकानेर आना है, नोटिस मिलने के 3  दिन में मुझे हाज़िर होना था, मैं 27 को जब
नापासर बीकानेर पंहुचा तब मुझे पता चला की मेरे पुराने वोटर आईडी कार्ड का गलत
इस्तेमाल करके कोई आपके पत्रिका में विज्ञापन चला रहा है जो की 17 मार्च 2018
और 31 मार्च के विज्ञापन पेज में छापा गया है, इस विज्ञापन के द्वारा धोखा धरी
का केस नापासर बीकानेर पुलिस स्टेशन में दर्ज है इस विज्ञापन  का विवरण इस
प्रकार है – बसुंधरा फाइनेंस मुख्या मंत्री योजना द्वारा आधार कार्ड पर 20
लाख तक मार्कशीट, प्रॉपर्टी पर्सनल लोन 2 % ब्याज 50 % माफ़ महिलाओ हेतु विशेष
छूट – 9818642057  के नाम से विज्ञापन चलाया जा रहा है जिसकी कॉपी संलग्न है,
और न्यूज़ पेपर की कॉपी भी संलग्न है ,

अतः संपादक महोदय या इस विज्ञापन सम्बंधित अधिकारी से अनुरोद है की इस
विज्ञापन को जल्द से जल्द बंद किया जाये और इस विज्ञापन से सम्बंधित सभी
दस्तावेज की कॉपी मुहैया कराया जाये जिसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूँगा

अजित सिंह
मोबाइल : 9999121221 , 9211128826
पता : डब्लू जेड 92 , तीसरी मंजिल, मटके वाली गली, ज्वाला हेरी मार्किट,
पश्चिम विहार, नई दिल्ली-110063

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