May 13, 2024

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <!-- 4550 BCR --> <ins class="adsbygoogle" style="display:block" data-ad-client="ca-pub-3954683617932208" data-ad-slot="7116654779" data-ad-format="auto"></ins> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); </script>

 (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});



बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): साल 2017 का पहला सूर्यग्रहण इस साल का पहला सूर्यग्रहण 26 फरवरी को पड़ने जा रहा है। इस सूर्यग्रहण को भारत, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा। इंडियन स्टैंडर्ड टाइम के मुताबिक भारत में सूर्यग्रहण 26 फरवरी यानी कि रविवार को शाम 5 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगा और रात 10 बजकर 1 मिनट तक चलेगा। लेकिन रात होने की वजह से इसका पूरा नज़ारा देख पाना मुमकिन नहीं होगा। आइए, जानते हैं सूर्यग्रहण से जुड़े कुछ सवालों के जवाब:

कब होता है सूर्यग्रहण और क्‍या है वलयाकार सूर्य ग्रहण ?

सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है, और ये घटना तभी होती है जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरती है। पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा ढका हुआ प्रतीत दिखाई देता है।

कितने तरह के होते हैं सूर्यग्रहण ?

सूर्यग्रहण तीन तरह के होते हैं। पूर्ण सूर्यग्रहण, आंशिक सूर्यग्रहण और वलयाकार सूर्यग्रहण। पूर्ण और आंशिक सूर्यग्रहण का अर्थ नाम से ही स्पष्ट है, अब हम आपको वलयाकार सूर्यग्रहण के बारे में बताते हैं। वलयाकार सूर्यग्रहण वो खगोलीय घटना है जब पृथ्वी का उपग्रह चांद पूथ्वी से काफी दूर रहने के बावजूद पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। इससे पृथ्वी से सूर्य की जो तस्वीर उभरती है उसमें सूरज का बीच का हिस्सा भी ढका हुआ नज़र आता है। और सूर्य का बाकी हिस्सा प्रकाशित होने की वजह से सूर्य की कंगन या वलय के आकार की तस्वीर उभरती है, इसलिए इसे वलयाकार सूर्यग्रहण कहते हैं।

क्या नंगी आंखों से सूर्यग्रहण देखना नुकसानदायक है ?

जी हां, नंगी आंखों से सूर्यग्रहण देखना आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए सूर्यग्रहण देखने के लिए विशेष प्रकार के उपकरणों का इस्तेमाल करें। ये उपकरण बाज़ार में मामूली क़ीमतों पर उपलब्ध हैं।

सूर्यग्रहण से जुड़ी क्या क्या हैं भ्रांतियां ?

पुरानी मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ग्रहण के बाद स्नान भी ज़रुरी होता है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष हिदायत दी जाती है कि वे बाहर ना निकलें ना ही ग्रहण को देखें। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण के दौरान दान करने से पुण्य मिलता है। हालांकि ये सारी चीजें महज मान्यताएं हैं और मॉर्डन साइंस इसे नहीं मानता है।

कब होगा अगला ग्रहण ?

26 फरवरी के बाद साल 2017 में दो और ग्रहण नजर आएंगे। इसमें एक चन्द्र ग्रहण होगा, तो दूसरा सूर्य ग्रहण। 7-8 अगस्‍त को हमें भारत में आंशिक चन्द्रग्रहण देखने को मिलेगा। इसे यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्‍ट्रेलिया से देखा जा सकेगा। जबकि 21 अगस्‍त को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा।

Leave a Reply