May 19, 2024

शिक्षा सुधार – एक आईटी समर्थित अभिनव और सामाजिक रूप से उत्साही आंदोलन

दिल्ली/एनसीआर के स्कूलों में अध्ययन कर रहे बच्‍चों के अभिभावकों के लिए समाधान

बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): ओम इन्‍फो लॉजिक एलएलपी ने www.Shikshasudhar.com वेबसाइट लॉन्‍च की है। यह सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित एक अभिनव और सामाजिक रूप से उत्‍साही आंदोलन है। यह उन अभिभावकों के लिए समाधान की तलाश करता है जो स्‍कूलों के व्‍यवहार से नाखुश हैं। इसका उद्देश्‍य दिल्‍ली-एनसीआर में के 12 की शिक्षा प्रक्रिया को समझने के लिए एक जन आंदोलन खड़ा करना है।

Shikshasudhar.com, एक पहल है जो न सिर्फ ऑनलाइन पोर्टल के माध्‍यम से स्‍कूल जाने वाले बच्‍चों के अभिभावकों को सूचनाएं प्रदान करता है, बल्कि यह उन समस्‍याओं के पूर्ण समाधान में भी सहयोगी है जिनका बच्‍चे के स्‍कूल में दाखिले से लेकर 12वीं (इंटरमीडिएट) तक की शिक्षा दिलाने में अभिभावकों को सामना करना पड़ता है, मसलन- स्‍कूल प्रशासन के गलत व्‍यवहार।

शिक्षासुधार के सह-संस्‍थापक, श्री दीपक खन्‍ना ने इसके शुभारंभ के अवसर पर कहा, ”यह सेवा अपनी प्रकृति में बेजोड़ है। हम अपने प्रत्‍येक सदस्‍य की समस्‍याओं के समाधान में निर्णायक दम तक सहयोग करेंगे। इस काम में हमारी मदद इस क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले वकीलों की एक पेशेवर टीम करेगी। आइए, हम सब साथ चलें और इसे एक आंदोलन बनाने व परिवर्तन का हिस्सा बनने की प्रतिज्ञा लें!!

शिक्षासुधार दिल्ली में सभी निजी स्कूलों की प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित पूरी जानकारी को संचित करेगी और टेक्‍नोलॉजी के माध्यम से इसे अभिभावकों तक बस एक क्लिक पर पहुंचाएगी। टीम उन वंचित परिवारों की भी सहायता करेगी जो प्रतिनिधित्‍व नहीं कर पाते और आसानी से सिस्‍टम तथा स्‍कूलों का शिकार हो जाते हैं। यह माता-पिता के अनुभवों/जानकारियों को खुद उन्‍हीं के द्वारा ऐप पर साझा किया जाएगा और एक ही मंच पर जानकारी व जागरूकता का प्रसार होगा।

शिक्षा, प्रशासन और कानून के क्षेत्र के अनुभवी लोगों को मिलाकर गठित बोर्ड का साथ लक्ष्य सूचनापरक कानूनी सहायता प्रदान करना अथवा अधिवक्‍ताओं की एक टीम के माध्यम से अदालत में कुछ अहम मुद्दों पर कानूनी लड़ाई लड़ना है।

शिक्षासुधार का विचार उस समय आया जब दीपक खन्‍ना कड़ाके की सर्दियों में एक सुबह चाय के स्‍टाल पर अभिभावकों के एक समूह से मिले। वे नर्सरी में दाखिले के लिए एडमिशन फॉर्म लेने के लिए आए थे। बाद में जब उन अभिभावकों से उनका संपर्क हुआ तो उन्‍होंने पाया कि लगभग सभी माता-पिता निराश थे, क्‍योंकि उनके बच्‍चे के दाखिला देने से स्‍कूल से मना कर दिया था। उनमें से किसी को नहीं पता था कि वे क्‍यों खारिज कर दिए गए।

समय आ गया है जब हमें हितधारकों / शैक्षिक संस्थानों को इसके लिए जबवादेह बनाना है कि उन्‍हें क्‍या करना चाहिए।Shikshasudhar.com (शिक्षा का अधिकार) एक बहुत छोटी सी पहल है, लेकिन सबके जीवन पर असर डालती है। यह ऐसा मंच है जो सभी माता-पिता को एक जगह पर लाता है, जहां हम सभी या तो अंजान हैं या शिक्षा क्षेत्र के किसी कपट का शिकार हैं। सह-संस्‍थापक श्री मनन वशिष्‍ठ ने कहा, ”हम चाहते हैं कि Shikshasudhar.com की पहल दिल्ली / एनसीआर में स्कूली शिक्षा की बुनियादी विसंगतियों के लिए एक समाधान प्रदाता बने।”

आज Shikshasudhar.com माता-पिता को दुखी और असंतुष्ट होने से बचाने का एकमात्र समाधान है। यह स्‍कूली शिक्षा की सुरक्षित प्रक्रिया के माध्‍यम से बच्‍चों के सुरक्षित भविष्‍य के लिए जरूरी सूचनाओं में मदद करता है।

आज दिल्ली / एनसीआर में माता-पिता को अपने बच्चों के लिए एक अच्छा भविष्य सुरक्षित करने में शिक्षा संस्थानों की ओर से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसकी शुरुआत दाखिले की अनिश्चि‍तता से लेकर मनमानी फीस, विभिन्‍न मामलों में पारदर्शिता की कमी तक होती है, यहां तक कि उनका बच्‍चा क्‍यों‍ किसी निश्चित परिधि तक सी‍मित रखा गया, इसके बारे में पारदर्शिता नहीं होती।

सह-संस्‍थापक श्री नितिन चोपड़ा ने कहा, ”एक समुदाय के रूप में हम सभी को मौलिक अधिकार ”शिक्षा का अधिकार” के लिए हाथ मिलाना चाहिए और समाज को जीवन के लिए एक बेहतर स्‍थान बनाने में मदद करनी चाहिए, जहां राष्‍ट्रीयता और राष्‍ट्र निर्माण का उच्‍चतम स्‍तर हो।”

Shikshasudhar.com को एक उदाहरण के रूप में लिया जा सकता है कि सबके लिए शिक्षा के लक्ष्‍य पर बढ़ते और सामाजिक-शैक्षिक दिशा में काम करते हुए कैसे आईटी इंटरैक्‍शन प्रक्रिया को और अधिक मजबूत करने के साथ ही पारदर्शी बना सकता है।

”अधिकतर मामलों में हमने महसूस किया कि माता-पिता को अपने अधिकारों का कोई ज्ञान नहीं था। अधिवक्‍ताओं की हमारी टीम उन्‍हें उनके अधिकारों के बारे में मार्गदर्शन करने के लिए उपलब्‍ध रहेगी और यह भी बताएगी कि कानून के द्वारा प्रदत्‍त कार्रवाई का अगला तार्किक चरण क्‍या है।” वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता श्री सुजीत गुप्‍ता ने कहा, जो अधिवक्‍ताओं के पैनल का नेतृत्‍व करेंगे।

यह नया उद्यम सेवाओं के इस पूरे मंच का 999 /- रुपये प्रति वर्ष की नाममात्र की कीमत का शुल्‍क लेगा।

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