May 3, 2024

बीसीआर न्यूज़ (रऊफ अहमद सिद्दीकी/नॉएडा) २१ मार्च २०१५ को तीस  हजारी कोर्ट ने एक ऐसा फ़ेसला सुनाया जिससे लोगो का विश्वाश कानून से उठता हुआ नज़र आने लगा मेरठ हाशिम पुरा २२ मई १९८७ को दंगा भड़का जिस में मुसलमानों की दुश्मन पी ए सी को लगाया गया पी ए सी ने तलाशी के नाम पर ६४४ मुसलमानों को गिरफ्तार किया जिसमे १५० हाशिम पुरा के थे इनमे जो युवा थे करीब ५० लोगो को पी ए सी ने ट्रक नं यु आर पी १४९३ पर बिठाया ट्रक में इन लोगो के आलावा पी ए सी के १९ जवान थे २२ मई की ये रात हाशिम पुरा के इन नोजवानो के लिए सब से भयानक साबित हुई पी ए सी के जवानों ने इन युवाओ को एक एक करके ट्रक से उतार कर गोली मार दी और इन्हें गंग नहर में फेक दिया इस के अलावा पिटाई से भी ८ लोगो की मोत हो गयी इस घटना का दर्द और खोफ़ हाशिम पुरा में आज भी दिखाई देता हे घर घर में हाशिम पुरा कांड  की ऐसी यादे हें जो रोगटे खड़े कर देने वाली हें कोर्ट ने सबूत के अभाव में सभी कातिलो को बरी कर दिया जिससे पूरा देश सकते में हे इंसाफ की उम्मीद में इतने सालो का इंतज़ार निराश करने वाला हे या यूँ कहे  की इंसाफ से भरोसा उठाने वाला हे फ़ेसला आने के बाद लोगो ने प्रदेश सरकार और स्थानीय  पुलिस को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया हे अदालत को पांच चश्मदीद गवाहों और तमाम सबूत काफी नही लगे लोगो ने २८ साल केस लदा गवाह और सबूत दिए चंदा करके केस लड़ा मगर सरकार और प्रशासन ने इनके केस को इतना कमजोर कर दिया ४२ लोगो की हत्या करने वाले पी ए सी के कातिलो को कोर्ट ने बरी कर दिया अगर पूर्व पी एम चन्द्र शेखर अपने आवास पर प्रेस वार्ता करके ये खुलासा न करते तो शायद इस घटना का किसी को पता भी न चलता इस कांड में जिंदा बचा नासिर जिसने बताया उसके अलावा उस्मान नईम बाबू मुजीब को भी गोली मरी थी मगर किस्मत से ये लीग बच गये थे इतने साबुत भी कातिलो को सज़ा दिलाने में कम क्यों पड़े . एक बात और इस फेसले के बाद देश के किसी भी नेता या बुद्धिजीवी ने इस के खिलाफ कुछ भी कहने की जेहमत नही उठाई ज़ुल्म कितना भी बड़ा क्यों न हो मजलूम की हिफाज़त अल्लाह करता हे और एक दिन उसे सजा जरूर मिलती हे अभी मुसलमानों का भरोसा कानून से पूरी तरह उठा नही हे फिर से जालिमो को सजा दिलाने की कोशिश की जायगी . मुसलमानों को उम्मीद का दामन नही छोड़ना चाहिए  अल्लाह सब्र करने वालो के साथ हे  . अपने आप को मुसलमानों का रहनुमा कहने वाली समाजवादी पार्टी में अगर थोड़ी सी भी इंसानियत हे तो इस केस की फिर से तफ्शीश कराए और मुसलमानों के ज़ख्मो पर मरहम लगाये .. और देश के सब से बहतरीन प्रधानमंत्री मोदी जी इस केस में सच्चाई का साथ दे और इंसाफ परस्त पी एम के रूप में मुस्लमान भी उन पर दिल से भरोसा कर सके ./

एडिटर जनता की खोज नॉएडा

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