November 16, 2024
Toilet

बीसीआर न्यूज़ (मुंबई): अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म टॉयलेट-एक प्रेमकथा पर भी संकट के बादल घिर आए हैं। फिल्म के निर्माता और वायकॉम मोशन पिक्चर्स के लिए दुविधा की स्थिति उस समय पैदा हुई, जब फिल्म मेक इन इंडिया के निर्माता की तरफ से मीडिया में यह बात आई कि टॉयलट-एक प्रेम कथा की कहानी “मेक इन इंडिया” से चुराई गई है इसलिए अब हालात ऐसे बन गए हैं कि कंटेंट को लेकर दोनों फिल्में एक-दूसरे से उलझती नज़र आ रही हैं जिसका खामियाजा दोनों निर्माताओं को उठाना पड़ सकता है। क्योंकि “मेक इन इनडिया” के निर्माताओं का कहना है कि इस के खिलाफ जल्द ही कानूनी कार्यवाही करेंगें क्योंकि फिल्म 4 अगस्त को रिलीज होगी ।

फिल्म मेक इन इंडिया के निर्माता सुरेंद्र यादव ने बड़ी उम्मीदों के साथ एक सार्थक विषय पर फिल्म बनाई है लेकिन उन्हें उस समय ज़ोर का झटका लगा, जब टॉयलेट – एक प्रेमकथा का ट्रेलर रिलीज़ हुआ जिसके कई दृश्य मेक इन इंडिया की कहानी व दृश्यों से मिलते-जुलते हैं। निर्माता सुरेंद्र का कहना है कि हमने टायलेट-एक प्रेम कथा से भी बहुत पहले फिल्म शुरू कर दी थी, लेकिन किसी कारणवश फिल्म रूक गई। इस बीच अक्षय कुमार की फिल्म तैयार हो गई जिसके कई दृश्य हमारी फिल्म मेक इन इंडिया के दृश्यों से मेल खा रहे हैं।
अब यह फैसला तो दर्शक ही करेंगे कि वे अक्षय कुमार अभिनीत टायलट-एक प्रेम कथा को महत्व देते हैं या साईं एंटरटेन्मेंट फिल्म्स के बैनर तले बनी सुरेंद्र यादव की फिल्म मेक इन इंडिया को, लेकिन अगर विषय-वस्तु की बात करें, तो मेक इन इंडिया का सब्जेक्ट ज़मीन से जुड़ा दिख रहा है जो दर्शकों के लिए एक तरह से ऑफ बीट सब्जेक्ट है। फिल्म की कहानी तीन खास पहलुओं पर केंद्रित है, जो देश के विकास से जुड़े हैं। पहला है स्वच्छ भारत अभियान, जिसके लिए सरकार प्रयासों में जुटी है। दूसरा है एजूकेशन सिस्टम, जिसे सुधारने की जरूरत है और तीसरा है बिगड़ता आर्थिक ढांचा, जिसे सुधारना बेहद जरूरी है। कहीं न कहीं इसकी जिम्मेदार देश की बढ़ती जनसंख्या भी है। अगर सरकार और देश का हर नागरिक इन पहलुओं को लेकर जागरूक हो, तो विकसित राष्ट्र की कल्पना सचमुच साकार हो उठेगी।

देश को विकास की दिशा में ले जाने वाले अहम मुद्दों या पहलुओं को एक अच्छी कहानी में पिरोकर दर्शकों के सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं निर्देशक बी के सिंह व सुरेंद्र यादव। कहानी और संवाद बी के सिंह के हैं। फिल्म की अधिकांश शूटिंग यूपी के गांव में की गई है। इस फ़िल्म में रघुवीर यादव, केके गोस्वामी, स्वेच्छा सिंह, कोमल कौठारी, सोमेंद्र दास और रवि सिंह की अहम भूमिका है। गीत संजीव चतुर्वेदी के हैं जिन्हें संगीत से सजाया है राहुल जैन ने।

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