बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): सरकार नैशनल इलेक्ट्रिक मोबीलिटी मिशन प्लान (एनईएमएमपी) 2020 के तहत भारत में स्वच्छ इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दिए जाने के लिए लगभग 14,000 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन रकम मुहैया कराने पर विचार कर रही है। एनईएमएमपी 2020 के तहत इस योजना का प्रस्ताव एक्सपेंडीचर फाइनैंस कमेटी (ईएफसी) एवं कैबिनेट के समक्ष रखा गया है। इस योजना को ईएफसी और मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी जाएगी।
इस प्लान में 60-70 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और इसके परिणामस्वरूप 22-25 लाख टन की ईंधन बचत का अनुमान व्यक्त किया गया है और इस लक्ष्य को वर्ष 2020 तक हासिल किया जा सकेगा। इस योजना का मकसद ऐसी स्वच्छ इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकियों की संपूर्ण रेंज का तेज चयन, घरेलू प्रौद्योगिकी विकास (आरएंडडी) एवं निर्माण है। इन प्रौद्योगिकियों में हाइब्रिड, फुल हाइब्रिड व्हीकल (एचईईवी), प्लग इन हाइब्रिड्स (पीएचईवी) और प्योर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (बीईवी) शामिल हैं। इससे मजबूत, वैष्विक रूप से प्रतिस्पर्धी, व्यवहार्य और मजबूत ईवी उद्योग के निर्माण और भारत में उसके पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा।
मिशन प्लान 2020 में इलेक्ट्रिक वाहनों के तेज चयन के लिए मांग बढ़ाने की योजना पर जोर दिया गया है। सह योजना में एक समावेशी दृष्टिकोण का प्रस्ताव रखा गया है और इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों (माइल्ड, स्ट्रोंग, प्लग-इन, बीईवी वैरिएंट को शामिल किया गया) के साथ साथ सभी वाहन सेगमेंटों को प्रोत्साहन योजना के दायरे में लाया जाएगा। योजना में एक ऐसे समग्र दृष्टिकोण का प्रस्ताव रखा गया है जिसमें चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास, क्षमता निर्माण और विष्वास बढ़ाने और इलेक्ट्रिक कार एवं अन्य वाहनों के लिए विशेष स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए आपूर्ति से संबंधित उपाय शामिल हैं।
हीरो इलेक्ट्रिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोहिंदर गिल ने कहा, ‘मैं इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किए जाने और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं आरएंडडी निवेश को मदद मुहैया कराने की दिशा में एनईएमएमपी की घोषणा का स्वागत करता हूं। यह उन कमजोर कंपनियों के लिए जीवनरक्षक की तरह है जिन्होंने पर्यावरण अनुकूल वाहनों में निवेश किया है, लेकिन सरकारी समर्थन के अभाव की वजह से उन्हें काफी संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि हम अभी इसके बारे में विस्तृत विवरण का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि लगभग 1000 करोड़ रुपये दो वर्षों की अवधि के लिए आवंटित किए जाएंगे जिसका एक बड़ा हिस्सा ईवी कीमतों में लगभग 20 फीसदी तक की कमी और कई शहरों में चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की वजह से सीधे तौर पर ग्राहकों के हाथ में जाएगा। हमारा मानना है कि एनईएमएमपी की सबसे बड़ी लाभार्थी इलेक्ट्रिक दोपहिया और छोटी इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण में लगी कंपनियां होंगी। एनईएमएमपी से कई प्रमुख वाहन कंपनियों को इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वहानों के लॉन्च की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आगे आने में भी मदद मिलने की संभावना है।’
अब जब केंद्र ने भारत में ईवी के विकास के लिए रूपरेखा स्पश्ट कर दी है, हीरो इलेक्ट्रिक को इस पहल के समर्थन में राज्यों के आगे आने की उम्मीद है। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेष, पंजाब, हरियाणा और महाराश्ट्र जैसे कई राज्य 14 प्रतिषत या इससे भी अधिक वैट और 4 से 6 प्रतिषत के पथ कर की वसूली कर रहे हैं
हीरो इलेक्ट्रिक ने ऐसे राज्यों से वैट को समाप्त किए जाने और कुछ वर्शों के लिए सड़क कर को हटाए जाने का अनुरोध किया है।
सरकार ने वर्श 2020 तक सड़कों पर 50 लाख इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को पेष करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है और एसएमईवी को विष्वास है कि यदि एनईएमएमपी 6 से 8 वर्श की अवधि के लिए लगातार प्रतिबद्ध रहा, राज्य सरकारें अपना समर्थन दें और निर्माता संबद्ध प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण में बढ़-चढ़ कर निवेष करें तो इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।