बीसीआर न्यूज़ (लखनऊ): समाजवादी पार्टी में संभावित फूट के बाद अखिलेश और मुलायम के गुट ने अपनी-अपनी रणनीति लगभग तैयार कर ली है. एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश हैं, जो बरगद या मोटरसाइकिल के सिंबल के साथ चुनाव मैदान में कूदने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं पिता मुलायम सिंह यादव वापस उसी चुनाव चिन्ह की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं, जिसने उन्हें 80 के दशक में यूपी की राजनीति में केंद्र बिंदु बनाया.
समाजवादी पार्टी की साइकिल जब्त होने की स्थिति में मुलायम सिंह यादव खेत जोतता किसान चुनाव चिह्न पर अपने प्रत्याशी खड़े कर सकते हैं. निर्वाचन आयोग ने खेत जोतता किसान चिह्न लोकदल को आवंटित किया है.
1980 में लोकदल की स्थापना के समय यही उसका सिंबल था. इस समय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व एमएलसी सुनील सिंह हैं. सूत्रों के अनुसार, लोकदल के अध्यक्ष सुनील सिंह से मुलायम और शिवपाल की बात हो चुकी है. जल्द ही इस पर निर्णय ले लिया जाएगा.
चौधरी चरण सिंह के जमाने में मुलायम सिंह यादव लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. जिस तरह सिंबल जब्त होने पर अखिलेश खेमे की ओर से बरगद या मोटरसाइकिल सिंबल पर चुनाव लड़ने की चर्चा है, उसी तरह मुलायम खेत जोतता किसान सिंबल पर प्रत्याशी उतार सकते हैं.
दिलचस्प बात ये है कि इस चुनाव निशान पर कभी बिहार के कद्दावर नेता नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और राम विलास पासवान भी हाथ आजमा चुके हैं.
मुलायम सिंह यादव 1985 में लोकदल के अध्यक्ष रहे हैं. मुलायम सिंह यादव की अगुवाई में 1987 में से 85 सीटें पार्टी ने जीती और वे विपक्ष के नेता भी बने.