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विनुविनीत त्यागी
बीसीआर न्यूज़
बता दें कि, पिछले कुछ सालों से कश्मीरी मुस्लिम युवक का बाढ़ के पानी की तरहा, UPSC में सेलेक्ट होना बहुत ही चिंता का विषय बनता जा रहा हैं। कश्मीर ही नहीं बल्कि पुरे भारत से मुस्लिम युवक भी बड़ी मात्रा में UPSC की परीक्षा में बाजी मार रहे हैं मुस्लिम युवा पीढ़ी, पहले इनका चयन प्रतिशत कम था।आप इसमें एक पैटर्न देखेंगे,बस मेरी बात सावधानी से समझने की कोशिश कीजियेगा —-
जो मुस्लिम उर्दू साहित्य एवं Islamic Studies mains में रखेगा जाहिर है उन्हें जाँचने वाला भी मुस्लिम ही होगा ,और वह चाहेगा उसकी कौम का बँदा अधिकारी बने ।यह उर्दू से IAS और UPSC जैसी परीक्षाओं में मुस्लिम और कश्मीरी युवक को देश के उच्च पदों पर बैठाने की साजिश है।
इस देश में बहुत सारे मुस्लिम स्पेशल institutes चल रहे हैं ।जहाँ हिंदू मिलेंगे ही नहीं। अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी कॉलेज के अंतर्गत चल रहे हैं और सरकार से पैसा पाते हैं ,और पढ़ाते हैं इस्लामिक studies ।
इस देश में एक भी ऐसी यूनिवर्सिटी नहीं है जहाँ हिन्दुत्व या वैदिक studies या वेद की पढाई होती हो ।पर Islamic Studies की हजारों हैं ।।