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नहीं मिली खरबपति अनिल अग्रवाल को मोदी से राहत : देना होगा 29 हज़ार करोड़ का टैक्स
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सूत्रों के मुताबिक सरकार ने भारत के 61 वें सबसे आमिर व्यक्ति अनिल अग्रवाल से कहा है कि पहले उन्हें केयर्न इंडिया के 10 हज़ार करोड़ रूपए से ज्यादा का टैक्स देना होगा उसके बाद ही वो इस कम्पनी का वेदांता में मर्जर कर सकते हैं. अग्रवाल काफी समय से वेदांता और केयर्न का मर्जर करना चाह रहे थे.
सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने अनिल अग्रवाल को निर्देश दिए हैं कि वो पहले केयर्न इंडिया का टैक्स भरे जो ब्याज लगाकर अब 20 हज़ार करोड़ रूपए हो गया है. जब तक वो टैक्स नहीं भरेंगे तब तक सरकार इस मर्जर के लिए सेबी को अधिकृत नहीं करेगी. अनिल अग्रवाल ने 2011 में सैर इंडिया को ब्रिटिश प्रमोटर केयर्न एनर्जी से ख़रीदा था.
उधर वेदांता के सूत्रों का कहना है कि बकाया टैक्स का किसी भी कम्पनी के मर्जर से कोई लेना देना नहीं है. सरकार मर्जर करने दे जबकि टैक्स पर अलग से कार्रवाई हो सकती है. सूत्रों ने बताया संघ के करीबी बताये जाने वाले अनिल अग्रवाल को उम्मीद थी कि दिल्ली में भगवा फहरने के बाद उन्हें बकाय टैक्स के मसले में सरकार कुछ राहत देगी लेकिन हर मोर्चे से दबाव डलवाने के बाद भी अनिल अग्रवाल को फिलहाल कोई मदद नहीं मिल सकी है.