November 15, 2024
Jaipur Wax Museum (5)

बीसीआर न्यूज़ (दीपक दुआ/जयपुर): मोम से बने पुतलों को देखने के लिए मैडम तुसाद म्यूजियम का नाम भले ही दुनिया भर में मशहूर हो लेकिन अपने देश में भी ऐसा एक म्यूजियम है जिसे देखने के बाद पर्यटक अक्सर ‘अद्भुत’ और ‘अतुल्य’ जैसे शब्दों से अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हैं। यह है जयपुर के नाहरगढ़ किले में स्थित ‘जयपुर वैक्स म्यूजियम’। बता दें कि नाहरगढ़ वही किला है जिसमें ‘रंग दे बसंती’ और ‘शुद्ध देसी रोमांस’ जैसी फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। करीब साल भर पहले इस किले में ‘जयपुर वैक्स म्यूजियम’ और ‘शीश महल’ जैसी दो ऐसी शानदार चीजों की शुरूआत हुई है जिसे देखे बिना अब जयपुर की सैर अधूरी कही जा सकती है।

यहां कुल 32 पुतले हैं यहां जिनमें से कुछ मोम से बनाए गए हैं तो कुछ सिलिकॉन से। इस संग्रहालय से जुड़ी अनोखी बात है यहां की अंदरूनी बनावट जिसे देख कर आप उस व्यक्ति के समय में जा पहुंचते हैं जिसका पुतला आप देख रहे होते हैं। जैसे अंदर जाने के बाद पहला गलियारा दिल्ली के राजपथ जैसा लगता है। एक तरफ इंडिया गेट और ठीक सामने राष्ट्रपति भवन जिसमें पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का पुतला है। इस कक्ष की साज-सज्जा बिल्कुल राष्ट्रपति भवन जैसी की गई है जिसमें उनकी किताबें रखी हैं और उनके दिए भाषण गूंजते रहते हैं। इसी तरह से महात्मा गांधी के पुतले के पीछे दांडी-यात्रा का चित्रण है तो नेताजी सुभाष चंद्र बोस का पुतला बंगाल और उनकी आजाद हिन्द सेना की तस्वीर दिखाता है। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का पुतला शांतिनिकेतन तो शहीद भगत सिंह का पुतला लाहौर की जेल की। क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का पुतला जहां रखा गया है वह मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की प्रतिकृति है। यहां लगी हुई स्क्रीन पर सचिन तेंदुलकर के मैच हरदम चलते रहते हैं। अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन करने वाली कल्पना चावला का पुतला एक अंतरिक्ष यान के मॉडल में रखा गया है। महानायक अमिताभ बच्चन, बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल, बॉक्सर मैरी कॉम, अभिनेता जैकी चान के अलावा मदर टेरेसा, दलाई लामा, माइकल जैक्सन, स्पाइडर मैन और आयरन मैन के पुतले भी यहां मौजूद हैं। राजपूताना के गौरवशाली अतीत को इसके वर्तमान से जोड़ते सवाई जय सिंह, महाराणा प्रताप, महारानी गायत्री देवी जैसे पुतलों के अलावा कई प्राचीन और दुर्लभ चीजों को भी यहां संजोया गया है।

अब बारी आती है ‘शीश महल’ की। करीब 25 लाख शीशे के टुकड़ों से बने इस अद्भुत महल को देखना अपने-आप में एक यादगार अनुभव है। यहां वह अनोखा आइना भी है जिसके सामने जब आप खड़े होते हैं तो उसके हर छोटे आइने में आपके बेशुमार अक्स दिखाई देते हैं और आपको फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ के शीश महल की याद भी आती है।
फिल्म इंडस्ट्री के कई नामी और सिद्धहस्त कारीगरों की बरसों की मेहनत से बने इस संग्रहालय के पुतलों को बनाने का काम कोलकाता के वरिष्ठ मूर्तिकार सुशांत रे ने किया है।

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