बीसीआर (नई दिल्ली): यह पोस्ट पढ़कर आप समझ जाएंगे कि नोटबंदी के पीछे बहुत ही टैलेंटेड लोगों का दिमाग चल रहा है, यह टीम कालेबाजारियों की एक एक गतिविधि से वाकिफ है और उनकी सभी चालों को फेल करती जा रही है। एक योजना के अंतर्गत ही अभी तक 500 रुपये के नोट नारी नहीं किये गए, अगर ये नोट जारी कर दिए गए होते तो मोदी सरकार का पूरा काम खराब हो गया होता और नोटबंदी फेल भी हो जाती लेकिन अब नोटबंदी को कोई भी फेल नहीं कर सकता।
भारत पूरी तरह से भ्रष्टाचार के खून में रंगा हुआ है, पिछले कुछ दिनों की ख़बरें देखकर ऐसा लग रहा है कि सबसे ज्यादा भ्रष्ट बैंक हैं जिसमें लोगों का पैसा जमा रहता है। नोटबंदी के बाद कालेधन के चोरों ने बैंक मैनेजरों से मिलकर कालाधन सफ़ेद करना शुरू कर दिया। हजारों लाखों बैंक मैनेजर कालेधन को सफ़ेद करने में लगे हुए हैं और इस काम के लिए ये लोग कमीशन ले रहे हैं। कई बैंक मैनेजर पकडे भी जा रहे हैं। एक तरह से चोर बैंक मैनेजरों की छंटनी चल रही है। चोर बैंक मैनेजरों की पहचान उन्हें बैंकिंग सिस्टम से बाहर किया जा रहा है।
हजारों बैंक मैनेजर कालेधन को सफ़ेद तो कर रहे हैं लेकिन 100 रुपये के नोटों में कैश होने की वजह से अधिक कालेधन को सफ़ेद नहीं कर पा रहे हैं, जहाँ तक सवाल 2000 हजार रुपये के नोटों का है तो इन नोटों की कालाबाजारी करने वाले लोग पकडे भी जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि इन नोटों में जरूर कोई ना कोई टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की गयी है क्योंकि जहाँ भी नोटों के बण्डल इकठ्ठे दिखाई देते हैं, इनकम टैक्स अफसर वहां पर छापा मारकर उन नोटों को जब्त कर लेते हैं। ऐसा लगता है कि चोरों को पकड़ने के लिए ही 2000 रुपये के नोट छापे गए हैं।
अब 500 रुपये के नोटों की बात करते हैं, इन्हीं नोटों का कालेधन वाले और कमीशनखोर बैंक मैनेजर इन्तजार कर रहे हैं, अभी जितना भी कालाधन है उसका 80-90 फ़ीसदी 500 रूपये के नोटों में है। कमीशनखोर बैंक मैनेजर 500 रुपये के नोटों का इन्तजार कर रहे हैं ताकि कालेधन चोरों से साठ गाँठ करके उनसे कमीशन लेकर उनके कालेधन को सफ़ेद करें। कालेधन के चोर भी 500 रुपये के नोटों का इन्तजार कर रहे हैं। वे भी सोच रहे हैं कि 500 रुपये के नोट आयें तो हम अपने दलाल बैंक मैनेजरों से मिलकर अपना कालाधन सफ़ेद करें। 2000 रुपये के नोट लेने से वे डर रहे हैं क्योंकि उसमे चिप लगी हुई है और 100 रुपये के नोट छिपाने में समस्या होगी और उन्हें ट्रक में ले जाना पड़ेगा।
जैसे जैसे 30 दिसम्बर की तारीख नजदीक आती जा रही है, दलाल बैंक मैनेजरों और कालेधन चोरों की धडकनें बढ़ती जा रही हैं, अगर 500 रुपये के नोट आ जाते तो ये लोग अपना कालाधन सफ़ेद कर लेते, मोदी सरकार भी चालाकी दिखा रही है, वे भी ऐसे ही चोर बैंक मैनेजरों की धर पकड़ कर रहे हैं। चोरों की छटनी चल रही है। जैसे जैसे 30 दिसम्बर की तारीख नजदीक आती जाएगी इन चोरों की धडकनें बढ़ती जाएंगी।
आपको बता दें कि पिछले एक हफ्ते से चोर बैंक मैनेजरों की धरपकड़ शुरू हो चुकी है जिसकी वजह से बैंकों में डर फ़ैल रहा है, कुछ बैंकों ने सही तरीके से काम करना शुरू कर दिया है जिसकी वजह से लाइनें कम हो गयी हैं लेकिन प्राइवेट बैंक मैनेजर अभी भी कालेबाजारी और दलाली में व्यस्त हैं। अगर ये लोग नहीं सुधरे तो जल्द ही पब्लिक इन्हें जूतों से पीटना शुरू कर देगी।
सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार चोर बैंक मैनेजरों की पहचान करने के बाद 10 दिन पहले 500 रुपये के नोट जारी करना शुरू करेगी। अब कालाधन केवल बैंक मैनेजरों के माध्यम से सफ़ेद हो सकता है, लेकिन उन्हें इतना वक्त ही नहीं मिलेगा। अगर मोदी सरकार ने उन 10 दिनों में 500 रुपये के नोटों की सप्लाई पूरी कर दी तो बैंकों में लाइनें ख़त्म हो जाएंगी और कालेधन चोरों के पुराने नोट कागज़ बन जाएंगे, क्योंकि 30 दिसम्बर के बाद बैंक भी 500 और 1000 के पुराने नोट नहीं लेंगे।
SBI का मानना है कि बैंकों के बाहर लम्बी लम्बी कतारों को कम करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है। अगर ये नोट पूरे कर दिए गए तो लाइनें अपने आप ख़त्म हो जाएंगी। मोदी सरकार की मजबूरी यह है कि देशवासियों को पुराने नोट जमा करने का समय देना भी जरूरी है वरना एक दिन में कालेधन को सफ़ेद करने का काम बंद हो जाता।
एसबीआई के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा, “हमारे अध्ययन के मुताबिक, दो महीने की खपत राशि यानी बाजार में 10 लाख करोड़ रुपये की तरलता बढ़ाने की जरूरत है। इसके बाद कतारें अपने आप गायब हो जाएंगी।” कुमार ने यहां इन्क्लुसिव फाइनेंस इंडिया सम्मिट में कहा, “इनमें से 3-4 लाख करोड़ रुपये डिजिटल या ऑनलाइन माध्यम से जारी किया जाना चाहिए।”
केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों को लीगल टेंडर से बाहर करने के बाद देशभर में करोड़ों लोग पैसे निकालने के लिए रोजाना बैंकों तथा एटीएम के बाहर कतार में खड़े हो रहे हैं।
एसबीआई के अधिकारी ने कहा कि 500 रुपये के नोटों की कमी के कारण करेंसी के तेजी से चलन में विशेष परेशानी आ रही है।
उन्होंने कहा, “100 रुपये तथा 2,000 रुपये के नोट के बीच में कोई नोट नहीं है, जिसके कारण परेशानी आ रही है। एक बार जब 500 रुपये के नोट चलन में आ जाएंगे, हालत में सुधार होगा।”
उन्होंने कहा कि 500 रुपये के नोट उपलब्ध ही नहीं हैं।
कुमार ने कहा कि एसबीआई के 49,000 एटीएम में से 43,000 को नए नोटों के हिसाब से समायोजित कर लिया गया है। उन्होंने कहा, “एसबीआई के एटीएम से प्रतिदिन 17,000 से 19,000 करोड़ रुपये निकल रहे हैं।”