टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने नई दिल्ली में चालकों के लिए ड्राइवर ट्रेनिंग प्रोग्राम और हेल्थ चेक-अप कैम्प की शुरुआत की
बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने आज दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली में एक “ड्राइवर ट्रेनिंग प्रोग्राम” और एक “हेल्थ चेक-अप कैम्प” की शुरुआत की। इस शिविर का आयोजन टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने आधारभूत संरचना के क्षेत्र की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनी जीएमआर और अग्रणी मल्टी स्पेशियलिटी चिकित्सा संस्थान मेदान्ता हॉस्पीटल के साथ मिलकर किया गया है। इस पहल की शुरुआत हवाई अड्डे से चलने वाले टैक्सी चालकों को यातायात सुरक्षा की चुनौतियों तथा भारतीय सड़कों को ज्यादा जिम्मेदार तरीके से सुरक्षित बनाने के महत्त्व से जोड़ने और शिक्षित करने के उद्देश्य से किया गया है।
इस मौके पर आईआरटीई के प्रेसिडेंट डॉ. रोहित बलुजा, डीआईएएल (डायल) के सीओओ श्री मार्सल हंगरबेहुलर के साथ और टोयोटा किर्लोस्कर के वरिष्ठ प्रबंधन के कई लोग मौजूद थे। इनमें श्री विक्रम किर्लोस्कर, वाइस चेयरमैन टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और श्री नओमी इशी, एमडी, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर शामिल हैं।
प्रशिक्षण के तहत इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन के विशेषज्ञों ने हवाई अड्डे के टैक्सी चालकों के लिए एक अंतरसक्रिय ऑडियो विजुअल प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया। प्रशिक्षण प्रमुख यातायात सुरक्षा चुनौतियों जैसे लेन अनुशासन, शराब पीकर गाड़ी चलाने का असर, यातायात के नियम और दिशा निर्देश आदि के साथ-साथ सड़क सुरक्षा से संबंधित अन्य बुनियादी पहलुओं के संबंध में जानकारी देना था। प्रशिक्षण कार्यक्रम का मकसद हवाई अड्डे के टैक्सी चालकों को सड़क सुरक्षा की महत्ता और सड़कों को सुरक्षित रखने में उनकी भूमिका बताना था। मेदान्ता हॉस्पीटल और एस्सिलर विजन फाउंडेशन के समर्पित प्रयासों से स्वास्थ्य और आंखों की जांच की गई और विशेष वैन में इसके साथ-साथ एक्स-रे करने, खून की जांच की उन्नत सुविधा भी थी। आंख की जांच में नजदीक और दूर की नजर के साथ-साथ रंगों की पहचान, गहराई की समझ आदि की भी जांच की गई।
इस अभियान के बारे में बताते हुए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के प्रबंध निदेशक श्री नओमी ईशी ने कहा, “वाहन उद्योग में सुरक्षा के क्षेत्र की अग्रणी कंपनी के रूप में इस कार्यक्रम का आयोजन करके हम खुशी महसूस कर रहे हैं। इस पहल को सफलतापूर्वक पूर्ण करने में हम जीएमआर, मेदान्ता हॉस्पीटल और एस्सिलर विजन फाउंडेशन की सहायता के लिए उनका हृदय से आभार जताते हैं। इसके अलावा, हम आईआरटीई और यातायात पुलिस को भी धन्यवाद देते हैं कि प्रशिक्षण के दौरान इन विभागों के लोगों ने अपनी विस्तृत जानकारी साझा की। हमारे लिए, सुरक्षा सिर्फ एक खासियत नहीं है। हम भारतीय सड़कों पर लोगों के जीवन को बहुत महत्त्व देते हैं। गए साल दिल्ली में कुल 8085 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं और रोज औसतन चार मौत रिपोर्ट हुई थीं। इस पहल के जरिए हमारा लक्ष्य चालकों के बीच एक मजबूत सुरक्षा समझ तैयार करना है और उन्हें वाहन चलाने के सुरक्षित व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इस जागरूकता अभियान से हम हवाईअड्डे के चालकों के साथ-साथ आम जनता को को सही संदेश देना चाहते हैं जिससे यह सुनिश्चित हो कि निकट भविष्य में हमारी सड़कें और सुरक्षित हों।”
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट (प्रा) लिमिटेड (जीएमआर समूह के नेतृत्व वाला एक संघटन) के सीईओ श्री आई प्रभाकर राव ने कहा, “दिल्ली हवाई अड्डे पर हम इस अभिनव पहल में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स के साथ भागीदारी करके खुशी महसूस कर रहे हैं। यह हमारे ‘रोड ट्रैफिक सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम’- आईएसओ 39001:2012 प्रमाणन के क्रम में है जो शहर क्षेत्र में यातायात की प्रभावी और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए है। हम यातायात से संबंधित सड़क दुर्घटनाओं और भीड़भाड़ को कम करने के प्रयास करते हैं ताकि आईजीआईए में सुरक्षित और कार्यकुशल यातायात प्रबंध किया जा सके। इस तरह के स्वास्थ्य शिविर हमें भारत के इस सबसे व्यस्त हवाईअड्डे के कर्मचारियों के कल्याण और उनके ठीक-ठाक रहने पर फोकस करने में सहायता करते हैं तथा इसे दुनिया में नंबर वन बनने में योगदान करते हैं।”
गहरे जड़ों वाले इस सुरक्षा मिशन के अनुपालन में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर 2005 से लगातार सड़क सुरक्षा पहल में लगा हुआ है। इसके लिए भिन्न राष्ट्रीय अभियान चलाए गए हैं। सबसे सुरक्षित कार बनाने की प्रतिबद्धता के अलावा कंपनी के पास सबसो शामिल करने वाला एक सुरक्षा कार्यक्रम है ताकि भारत में सड़क सुरक्षा की चुनौतियों से निपटा जा सके।
इस साल के अभियान की शुरुआत 9 से 16 जनवरी 2016 तक सड़क सुरक्षा जागरूकता सप्ताह में टीकेएम की भागीदारी से हुई थी। इसका आयोजन बंगलौर की यातायात पुलिस ने किया था। इस मौके पर टीकेएम ने 18 अल्कोहल मीटर दान दिए जिन्हें डॉ. एमए सलीम, एडिशनल कमिश्नर, पुलिस (यातायात) को प्रबंध निदेशक नवोमी निशी ने सौंपा। इस दौरान और भी कई अंतरसक्रिय गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसका मकसद बंगलौर शहर के बच्चों और आम जनता में सुरक्षा जागरूकता पैदा करना था।
भारतीय सड़कों पर सबसे सुरक्षित चालक सुनिश्चित करने के लिए बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर चालक प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया गया। यह सड़क सुरक्षा जागरूकता माह के भाग के रूप में था जिसमें 1500 से ज्यादा चालकों ने हिस्सा लिया। इस दौरान आयोजित स्वास्थ्य की जांच में 306 चालकों की पहचान की गई जिन्हें दृष्टि संबंधी समस्या थी। जरूरतमंद चालकों को टीकेएम ने मुफ्त चश्मे मुहैया कराए।
स्कूली बच्चों में सड़क सुरक्षा जागरूकता – इसके अलावा, कंपनी ने देश भर में 6 लाख से ज्यादा बच्चों को अपने “टोयोटा सेफ्टी एजुकेशन प्रोग्राम” से जोड़ रखा है। इसका मकसद 10-14 साल के बच्चों के बीच सड़क सुरक्षा जागरूकता का प्रसार करना है। टीएसईपी के भाग के रूप में टोयोटा ने हैदराबाद में 30,000 से ज्यादा स्कूली बच्चों को सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया है।
सुरक्षित ड्राइविंग पर फोकस के साथ ड्राइविंग स्कूल – ‘सेफेस्ट कार्स विद सेफेस्ट ड्राइवर्स’ (सबसे सुरक्षित चालकों के साथ सबसे सुरक्षित कार) मिशन को समर्पित उद्योग में सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी होने के नाते कंपनी ने देश भर में टोयोटा ड्राइविंग स्कूल की शुरुआत की है ताकि लोगों को अच्छी तरह वाहन चलाना सीखाया जा सके जिससे मानवीय भूल से होने वाली सड़क दुर्घटना की बढ़ती संख्या कम की जा सके। प्रशिक्षण मोड्यूल में तकनीकी सुविज्ञता एकीकृत होगी और इसके साथ व्यवहार संबंधी कौशल को भी बेहतर किया जाएगा ताकि देश भर में सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा की जा सके।
सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए सेमिनार – टीकेएम ने गुवाहाटी में नवंबर 2015 के दौरान एक सुरक्षा सेमिनार का भी आयोजन किया था। यह बांग्लादेश-भूटान-भारत-नेपाल मित्रता रैली के भाग के रूप में था ताकि देश की सीमा के पार भी सड़क सुरक्षा के संदेश फैलाए जा सकें।
सुरक्षित कार – टोयोटा पहला वाहन निर्माता है जिसने सभी ग्रेड में एय़रबैग को मानक बना दिया है। यह इटियॉस, इटियॉस लिवा और इटियॉस क्रॉस में हैं और इस तरह सुरक्षा की महत्ता को नए सिरे से ताकत दी गई है। सुरक्षा के प्रति इस बढ़ती चिन्ता से टोएटा बेहतर टेक्नालॉजी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित हुआ है ताकि बेहतर सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके।