बीसीआर न्यूज़ (रचना शर्मा/नयी दिल्ली): पदार्पण फिल्म एंड थिएटर इन्टीटूट द्वारा “शार्ट फिल्म फेस्टिवल” का आयोजन किया गया, इस फेस्टिवल में में इन्टीटूट के छात्रों द्वारा बनायीं गयी फिल्मों को ही प्रदर्शित किया गया, फेस्टिवल का शुभारम्भ फिल्म निर्माता/निर्देशक अजय शास्त्री ने रिबन काटकर किया था और समापन भी फिल्म निर्माता निर्देशक अजय शास्त्री की अध्यक्षता में किया गया और बतौर जज भी शास्त्री जी ने भूमिका निभाई, इस मौके पर शास्त्री जी ने इंस्टीटूट के छात्रों से बाते भी की और उनको कला के बारे में जानकारी भी दी, “शार्ट फिल्म फेस्टिवल” शुरू होने से इंस्टीट्यूट के छात्र बड़े ही उत्साहित नजर आये और सभी के चेहरों पर ख़ुशी का माहौल था, फेस्टिवल में चार (४) फिल्मों का प्रदर्शन किया गया, जिनके नाम है “आखिर क्यों”, “डार्क नाईट”, “एक रहस्य” और “फियर ऑफ़ इमैजिनेशन”. फ़िल्मी चारों ही अच्छी थी मगर एक ही फिल्म को प्रथम पुरुस्कार देना था, फेस्टिवल में प्रथम पुरुस्कार पाने वाली फिल्म रही “आखिर क्यों”, इस फिल्म को बेस्ट फिल्म, बेस्ट एक्टिंग, बेस्ट कांसेप्ट का पुरुस्कार मिला, बेस्ट अभिनेत्री पुरुस्कार से “सुरभि” को पुरुस्कृत किया गया वहीं बेस्ट अभिनेता का पुरुस्कार दो अभिनेताओं को दिया गया जिनका नाम है कृष और विक्रम को दिया गया.
इंस्टीट्यूट के निदेशक श्री डीके भारद्वाज का कहना है कि हमारे यहाँ से काफी छात्र निकल कर बॉलीवुड में धमाल मचा रहे है इसलिए हमने सोचा कि क्यों न हम छात्रों को अपने यहाँ पर ही फिल्म बनाने और काम करने का मौका दे, क्योंकि छात्र अपना कोर्स पूरा करने के बाद बॉलीवुड में स्ट्रगल करने जाते है मगर कोई सफलता हांसिल कर लेता कोई वापस अपने सपने तोड़ कर घर वापस आ जाता है, इसलिए हमने सोचा कि छात्रों के कोर्स के दौरान ही हम ऐसा कुछ करे, जिससे छात्रों के सपने भी पूरे होते रहे और उनका कोर्स भी पूरा हो जाए. इसके लिए हम बच्चों को एक टारगेट देते है जिससे हमें छात्रों के दिमाग का भी पता चलता है कि उसका दिमाग किस तरह से काम करता है. जिससे छात्रों को अपना अभिनय दिखने का मौका मिलता है. हमने ये “शार्ट फिल्म फेस्टिवल” पहली बार करवाया है और अब ये फेस्टिवल हर तीसरे महीने हमेशा होता रहेगा, इस बार हमारे इस फेस्टिवल की थीम थी “डर”, जिसको छात्रों ने बखूबी निभाने की कोशिश की, उम्मीद है आगे और भी अच्छा प्रदर्शन रहेगा.
फिल्मकार अजय शास्त्री के मुताबिक ये पहल बहुत ही अच्छी है, उनका कहना है कि छात्रों को अगर अपनी पढाई के दौरान ही प्रैक्टिकल करने को मिल जाए तो ये उनके भविष्य के लिए बहुत ही अच्छा है और छात्रों को अपने मन की इच्छाओं को स्क्रीन पर दिखने के साथ-साथ छात्रों की सोच में बदलाव आता है और कुछ नया करने का मौका मिलता है जो छात्रों के भविष्य को सँवारने में उनकी मदद करता है, मुझे उम्मीद है पीएफटीआई की ये पहल बहुत ही क़ाबिले तारीफ़ और सहनीय है।
फिल्म “आखिर क्यों” की टीम को बेस्ट फिल्म अवार्ड से सम्मानित करते हुए निर्णायक अजय शास्त्री, पीएफटीआई निदेशक डीके भरद्वाज व टीचर भूपेंद्र.