दिल्ली सरकार का बड़ा घोटाला एक सीसीटीवी कैमरे की कीमत सवा 6 लाख रूपये
बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): दिल्ली में लोगों ने सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगाए गए हैं। एक आरटीआई के मुताबिक दिल्ली सरकार ने पिछले दस सालों में शहर के विभिन्न हिस्सों में सीसीटीवी लगाने के लिए करीब 2 अरब 41 करोड़ रुपये खर्च किए।इतने खर्च में 3864 सीसीटीवी लगाए गए हैं।
यानी कि एक सीसीटीवी लगाने में करीब सवा छह लाख रुपये का खर्च आया है। कार्यकर्ता हरपाल राणा ने दिल्ली सरकार से आरटीआई के माध्यम से पिछले दस साल के सीसीटीवी के संबंध जानकारी मांगी थी।
दिल्ली सरकार ने आरटीआई के माध्यम से 2006 से लेकर जनवरी 2016 तक की जानकारी दी है। आरटीआई के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने 2015 में सबसे ज्यादा 1563 कैमरे लगाए हैं यानी हर दिन करीब चार कैमरे लगाए गए हैं।इसके अलावा सबसे ज्यादा कैमरे गांधी नगर मार्केट में लगाए गए हैं।
यहां 2015 में 184 सीसीटीवी लगाए हैं। इसके अलावा इसी साल नॉर्थ एवेन्यू में 115, द्वारका कोर्ट में 170 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। आरटीआई के मुताबिक दिल्ली सरकार ने पिछले दस साल में 91 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता हरपाल राणा को कहना है कि दिल्ली में जो सीसीटीवी लगाए हैं उनकी कीमत ज्यादा है।दिल्ली सरकार को इस संबंध में जांच करनी चाहिए।
आरटीआई से यह भी खुलासा हुआ कि विभिन्न परीक्षाओं और कार्यक्रमों के लिए दिल्ली सरकार ने करीब 95 से भी ज्यादा स्थानों पर सीसीटीवी 2012 से जनवरी 2016 तक 4258 सीसीटीवी कैमरे किराए से लगवाए थे।जिसमें 2015 में दो दिन हुई इंडो अफ्रीकन समिट में सबसे ज्यादा 490 कैमरे आतंकियों की निगरानी के लिए गए थे।
8 करोड़ 89 लाख रुपये खर्च करके 4258 सीसीटीवी लगाए गए। यानी एक सीसीटीवी का किराया करीब 21 हजार रुपये पड़ा। इनमें एक दिन से लेकर तीन माह तक के लिए सीसीटीवी लगाए गए थे। जबकि कुछ जगह तो अभी भी किराए पर सीसीटीवी का इस्तेमाल हो रहा है।