November 15, 2024
sushma swaraj

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सुषमा ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब, कहा- आतंकवाद छोड़िए और बैठकर बात करिए

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बीसीआर न्यूज़ (न्यूयॉर्क): संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारती की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने संबोधन में पाकिस्तान को साफ तौर पर बता दिया कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते. सुषमा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के यूएनजीए में दिए भाषण की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा, ‘भारत से बातचीत के लिए उन्होंने जो चार सूत्र बताए हैं उसके जवाब में मेरा तो यही कहना है कि इसके लिए एक ही सूत्र काफी है और वह है आतंकवाद छोड़िए और बैठकर बात करिए.’

सुषमा ने अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कहा, ‘हम 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने जा रहे हैं. किसी के भी जीवन में 70 वर्ष अच्छा पड़ाव होता है. क्या हमने पाया क्या हमने खोया. संयुक्त राष्ट्र ने क्या किया क्या नहीं किया. विश्व को तीसरे युद्ध से बचाने के लिए, रंगभेद हटाने, गरीबी दूर करने के लिए, लोकतंत्र को बढ़ाने में यूएन सफलता हासिल की है. तमाम जगहों में संघर्ष शांत नहीं कर पाए.’

सुषमा ने कहा कि विश्व को तीसरे युद्ध से बचाने के लिए, रंगभेद हटाने, गरीबी दूर करने के लिए, लोकतंत्र को बढ़ाने में यूएन सफलता हासिल की है. तमाम जगहों में संघर्ष शांत नहीं कर पाए. तमाम जगहों पर लोग मर रहे हैं. इन जगहों पर शांति लाने में विफल रहा है यूएन. नीले झंडे के तले तमाम लोग काम कर रहे हैं. 180000 शांतिसैनिक भारत ने उपलब्ध कराए हैं. 8000 तो काफी चुनौती पूर्ण स्थिति में काम कर रहे हैं. हम अपना योगदान बढ़ाने को तैयार हैं. हम ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए भी तैयार हैं.

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि तमाम राष्ट्र जो इस मिशन में अहम भूमिका निभा रहे हैं उनकी निर्णय प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं है. शहीद लोगों की याद में स्मारक बनाने में भारत योगदान देने को तैयार है. हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. न्यूयॉर्क में भी आतंकी हमला हुआ. तब से आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं. लेकिन इन्हें पालने वाले राष्ट्रों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है.

उन्होंने कहा, विश्व को दिखाना होगा कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. जो राष्ट्र आतंकियों की मदद करते हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. 1996 में भारत ने एक प्रस्ताव दिया था लेकिन अभी तक आतंकावाद की परिभाषा तय नहीं हो पाई है. आतंकवाद को कोई वैध हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकता है. मुंबई हमले के योजनाकार सरेआम घूम रहे हैं. सीमापार से भारत में हमले हुए हैं और दो में जिंदा आतंकी पकड़े गए हैं. यह आतंकी हमले पाकिस्तान की साजिश का हिस्सा है ताकि कश्मीर पर कब्जा वैध हो सके.

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