सुब्रमण्यन स्वामी व असदउद्दीन ओवैसी की “राम मंदिर” मुद्दे पर एक सहमति
बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): राम मंदिर एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर चर्चा करना ही अपने आप में ही विवादों को जन्म दे जाता है. इस मुद्दे पर बहस और चर्चा कई बार करने और करवाने वाले के लिए मुश्किलों का सबब बन जाता है. एक टीवी चैनल पर भी इसी मुद्दे को लेकर बहस चल रही थी. इस बहस में एक तरफ सुब्रमण्यन स्वामी थे तो दूसरी तरफ असदउद्दीन ओवैसी थे. दोनों की विचारधाराएं परस्पर विरोधी रही है, और दोनों ही अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते है. ऐसे में बहस के मंच पर निगाहे टिकना लाजमी था.
वाद विवाद और बहस के दौर में एक दूसरे के खिलाफ आग उगलते हुए एक वक्त ऐसा आया कि दोनों की भाषा और सुर एक हो गया. बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी और एमआईएम चीफ असदउद्दीन ओवैसी की सहमति एक मुद्दे को लेकर बनी, जब ओवैसी ने इस बात का जिक्र किया कि मेरा मानना है कि राम मंदिर को प्राथमिकता पर देखते हुए कोर्ट में इस मुद्दे की सुनवाई रोज हो. तो इस बात पर सुब्रमण्यन स्वामी ने भी कहा कि अगर ऐसा होता है तो जाहिर सी बात है कि इसका नतीजा भी जल्दी आएगा, लिहाजा सुब्रमण्यन स्वामी अब राम मंदिर मसले पर रोजाना सुनवाई के लिए भी एक अपील डालने जा रहे है.
राम मंदिर को लेकर स्वामी और ओवैसी दोनों की तरफ से इस बात की दलील दी जाती रही थी, स्वामी ने दावा किया कि राम मंदिर केस हम ही जितेंगे और मोदी राज में ही मंदिर बन कर रहेगा. सुब्रमण्यन स्वामी ने ये भी दावा किया कि साल 2016 के दिसंबर तक राम मंदिर का काम शुरू हो जाएगा. इस पर गुस्साए ओवैसी ने स्वामी से सवाल दागा कि आपके आने के बाद अर्थव्यवस्था को लेकर जो वादे किए थे, उन वादों को क्यों भूल रहे है, तो इस पर स्वामी ने कहा कि देश का अमीर से अमीर और गरीब से गरीब नागरिक चाहता है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया जाए.
दरअसल कुछ दिनों पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने ट्वीट कर कहा था कि हम हिन्दू, मुस्लिम लोगों को भगवान श्री कृष्ण का पैकेज दे रहे हैं. अगर आप हमको तीन मंदिर दे दो और बदले में आपकों 39997 मस्जिद आपके हो जाएेंगे. स्वामी मे अपने ट्वीट में कहा कि उम्मीद है कि मुस्लिम नेता दुर्योधन नहीं बनेंगे. सुब्रमण्यन स्वामी ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा की भगवान श्री कृष्ण ने शांति बनाए रखने के लिए और युद्ध को टालने के लिए ऐसा प्रस्ताव दिया था कि अगर हस्तिनापुर पांडवों को 5 गांव भी दे देगा तो वे शांत हो जाएंगे और कोई दूसरी मांग नहीं करेंगे.