November 15, 2024
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बीसीआर न्यूज़ (भोपाल/म.प्र.): लड़की हैं तो क्या हुआ, लेकिन ऐसी लड़कियों पर बिलकुल रेहम न किया जाये जो शादी के कुछ दिन बाद ही घर आकर बैठ जाती है। फिर शुरू करती है अपनी माँ और परिवार के साथ मिलकर अच्छा ख़ासा घर तवाह करने की साजिशें! शादी के बाद कुछ दिन ही बाद लड़की अपने घर आकर लड़के को अपने साथ अलग रहने को कहती है या फिर तलाक लेने की बात करती है। ऐसी लड़कियां न सिर्फ बदचलन होती है बल्कि कई शादियां करके अच्छा खासा व्यपार चलती है। ये सिर्फ मैं कही सुनी बात नहीं कह रही हूँ ”साहब” इसके पुख्ता सबूत हैं मेरे पास….. कानून में अगर ऐसी लड़कियों के लिए कोई सज़ा होती तो मैं इनके लिए सज़ा-ए-मौत की मांग करती। क्योंकि ऐसी बदचलन लड़कियां एक अच्छे खासे खुशहाल घर को तवाह कर देती हैं। एक माँ से उसकी औलाद (बेटा) और एक बहिन से उसका भाई को दूर कर देती हैं। लड़के के परिवार वाले ये सोचकर जी लेते हैं कि हमारा बेटा खुश रहे बस ऒर क्या चाहिए। ऐसी लड़कियों को सच में शख्त से शख्त सज़ा मिलनी चाहिए। पुरुषों के लिए कौन ”सहारा” बनेगा ? —————————————— आदमी तो अज़ल से ही बदनाम है ”साहब” आप उसे ओर क्या, और कितना बदनाम करेंगे। कानून की आड़ लेकर जो लड़की, पुरुषों को नगण्य नाच नाचा रही है, उसे शख्त सज़ा क्यों नहीं मिलती ? मैं अपील करती हूँ ”भारत सरकार” से की बदचलन लड़कियों को अगर कानून अपनी गिरफ्त में नहीं लेगा तो भारत के सभ्य समाज के पुरुष शादी करने से बेहतर वो कुवरा रहना पसन्द करेगे। क्योंकि बदचलन लड़कियों ने शादी को व्यपार बना रखा है। कैसे जी लेते हैं लोग बड़े प्यार से माँ बहू लेकर आई बेटे के लिए ….. .पर बहू को सास की बंदिशे पसंद नहीं आई …..पढ़ी लिखी बहू थी … अपना बुरा भला सोच सकती थी . इसलिए शादी की सालगिरह भी नहीं मना सकी मात्र बारह दिन पति के साथ रही और अपना फैसला सुना दिया …. कि,…. मैं अपने पति के साथ नहीं रह सकती ….. पति को मुक्त करने के एवज में अच्छी- खासी रकम की मांग की ..पति गिडगिडाता रहा ..बस एक मौका दे दो … . तुम्हारी सारी शिकायतें दूर कर दूंगा ..पर पत्नी नहीं मानी … शायद उसे पति की नहीं पैसे की जरुरत थी ..बंधन उसे बोझ लगा ….वो उन्मुक्त होकर जीना चाहती थी ….. उसने रिश्तों के महत्व को नहीं समझा बल्कि रिश्तों की कीमत लगाईं ..अपने कुत्सित इरादों की आड़ में किसी के जीवन को दाँव पर लगाना ……कहाँ तक उचित है ?……गलती करनेवाले की आत्मा क्या उसे धिक्कारती नहीं ? रिश्ता टूटने की पीड़ा में पति की आँखों में आँसू थे,….. दूसरों को दुःख देकर,…कैसे जी लेते हैं लोग .?

(जन-जागरूकता अभियान)
॥ सरकार नहीं ”सहारा” चाहिए ||
जय हिन्द, जय भारत, जय जनता स!रकार!
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किरण चौकसे (RC SARKAR)
समाज सेविका,लेखिका,सलाहकार!
Office :- Chhola road Bhopal (MP)
M/.+91 881 881 55 31 (whtup no)
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