November 16, 2024
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*श्री राम जन्मभूमि निर्माण शुरू: 5 अगस्त को होगा अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमिपूजन में होंगे शामिल।*

*19,जुलाई,2020*
*अनूप शुक्ला-लखनऊ*
*(ब्यूरोचीफ बी.सी.आर.न्यूज़ )*

*हिन्दू पंचांग के मुताबिक भाद्र पक्ष द्वितीय के दिन पीएम मोदी राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे।*

बता दें कि, अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार को बैठक हुई। इस बैठक में इस पर चर्चा की गई कि भूमिपूजन की तारीख क्या हो। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से 3 अगस्त और 5 अगस्त की तारीख भेजी गई, जिसमे से 5 अगस्त की तारीख की पुष्टि प्रधान मंत्री कार्यालय से की गई। प्रधानमंत्री 5 अगस्त को अयोध्या जाएंगे लिहाजा इसी दिन भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न होगा।

सूत्रों के अनुसार राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम 5 अगस्त को 8 बजे शुरू हो सकता है, प्रधानमंत्री उस दिन 11 से 1 बजे के बीच अयोध्या पहुंच सकते हैं, पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि इसका पूरा प्लान लगभग तैयार कर लिया गया है।

*शुभ मुहूर्त की तिथि*

विश्व हिंदू परिषद और श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के सूत्रों के मुताबिक द्वितीया सह तृतीया तिथि अपने आप में सर्वार्थ सिद्धि योग वाली है. इसलिए प्रधानमंत्री इस दिन अयोध्या आ सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले भी न्यास के अध्यक्ष और श्री मणिराम जी की छावनी के श्रीमहंत नृत्यगोपालदास ने पत्र लिख कर श्रावणी पूर्णिमा और भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वितीया की दोनों तिथियों के मंगल मुहूर्त का ब्योरा और न्योता दोनों भेजे थे।

शनिवार को अयोध्या में हुई न्यास की बैठक में ये तय हो गया कि इन दोनों मुहूर्त में जब भी प्रधानमंत्री की अयोध्या यात्रा के अनुकूल समय हो, भूमिपूजन सम्पन्न करा लिया जाए. इस मुहूर्त की बाबत वृंदावन बांके बिहारी जी के सेवायत और ज्योतिष के विद्वान केडी गुरुजी ने बताया कि भाद्रपद इस मायने में भी मासोत्तम है क्योंकि लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण और जगत की आह्लादकारी शक्ति राधा का प्राकट्य भी इसी महीने हुआ। वैसे भी ज्योतिष में चंद्रमा की स्थिति से मुहूर्त तय होते हैं. श्री रामलला के नाम से ग्रहगुण विशिष्टता के साथ सम्मुख चंद्रमा की स्थिति और सर्वार्थ सिद्धियोग सर्वोत्कृष्ट होता है। ऐसे मांगलिक योग में मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन हो जाए यही सर्वश्रेष्ठ है। न्यास और विहिप के सूत्रों के मुताबिक यूं तो प्रधानमंत्री कार्यालय से अगस्त के अंतिम सप्ताह में ही फाइनल प्रोग्राम आने की उम्मीद है, लेकिन तैयारियां जारी हैं. प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक 5 अगस्त को सुबह 8 बजे से 12 बजे तक के शुभ मुहूर्त में भूमिपूजन कार्यक्रम होगा। वैसे सरकार और राजनीतिकों के लिए 5 अगस्त का दूसरा महत्व भी है. इसी दिन 2019 में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर वहां की स्थिति में प्रशासनिक बदलाव की शुरुआत हुई थी।

*बैठक में 5 मुद्दों पर बातचीत हुई*

1. मंदिर निर्माण के शिलान्यास की तारीख तय करना।
2. प्रधानमंत्री को भूमिपूजन के लिए बुलाना।
3. मुख्य गर्भगृह का डिजाइन तय करना।
4. 70 एकड़ के परिसर के विस्तार पर सुझाव लेना और 108 एकड़ करने पर सहमति बनाना।
5. परिसर में सीता मंदिर के निर्माण पर चर्चा करना।

*इकबाल अंसारी ने कहा, मैं प्रधानमंत्री का स्वागत करना चाहता हूं*,

बैठक के पहले बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री का अयोध्या में स्वागत करना चाहता हूं। मंदिर निर्माण को लेकर जो संत समाज चाहता है, वही मैं भी चाहता हूं।’ अंसारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद के लिए जो 5 एकड़ भूमि मुस्लिम समाज को दी गई है, उस पर एक अस्पताल और एक स्कूल का निर्माण किया जाए।

*मंदिर के नक्शे में बदलाव*

बता दें, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार की बैठक में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम पर चर्चा के अलावा मंदिर का नक्शा बदलने पर भी फैसला हुआ। ट्रस्ट ने निर्णय लिया कि मंदिर में 3 की जगह 5 गुंबद होंगे।मंदिर की ऊंचाई भी प्रस्तावित नक्शे से अब ज्यादा होगी। बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया को बताया कि कोरोना की स्थिति से निपटने के बाद फंड एकत्र किया जाएगा।उन्होंने अनुमान जताया कि श्रीराम का भव्य और दिव्य मंदिर तीन से साढ़े तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा।।

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