November 15, 2024
Govinda Kadar

बीसीआर न्यूज़ (अजय शास्त्री/मुंबई): बॉलीवुड की सीनियर एक्टर, राइटर और डायरेक्टर कादर खान एक जनवरी को इस दुनिया से हमेशा के लिए अलविदा कह गए. कादर खान के निधन के बाद कनाडा में ही उनका अंतिम संस्कार किया. कादर खान के जाने के बाद से ही बॉलीवुड में शोक की लहर है और उनके साथ काम करने वाले एक्टर्स अपना दुख सोशल मीडिया पर दिखा रहे हैं. इसी बीच गोविंदा के इंस्टाग्राम पोस्ट पर कादर खान के बेटे सरफराज खान का गुस्सा उबल पड़ा.

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गोविंदा ने कादर खान के निधन पर दुख जताते हुए लिखा कि कादर खान सिर्फ मेरे उस्ताद नहीं थे बल्कि वो मेरे पिता समान थे. उनके साथ काम करने वाला हर एक्टर स्टार बन जाता था. मेरे साथ ही पूरी फिल्म इंडस्ट्री उनके जाने से दुखी है और उसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है. मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं.
गोविंदा के इस पोस्ट से नाराज सरफराज ने कहा कि भारतीय फिल्म जगत का तरीका ही यही बन गया है. यह कई कैंपों और वफादारों में बंट गया है. बाहरी होने की सोचवाले लोग मदद नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने हमें (अपने बेटों को) बताया था कि किसी से किसी भी चीज की उम्मीद मत करो और हम इसी विश्वास के साथ बड़े हुए कि जीवन में जिसकी जरूरत है उसके लिए काम करना चाहिए और बदले में किसी भी चीज की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. सरफराज ने उदासी भरी हंसी के साथ कहा कि कृपया गोविंदा से पूछिए कि उन्होंने कितनी बार अपने पिता समान व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में पूछा. क्या उन्होंने मेरे पिता के गुजरने के बाद एक बार भी फोन करने की जहमत उठाई? यह ढर्रा हो गया है हमारे फिल्म जगत का. उन्होंने कहा कि यहां भारतीय सिनेमा में योगदान देने वालों के लिए कोई वास्तविक भावनाएं नहीं हैं, विशेषकर जब वे उसमें सक्रिय नहीं रहते हैं. बड़े-बड़े सितारे इन दिग्गज हस्तियों के साथ फोटो खिंचवाते नजर आते हैं, लेकिन वह जुड़ाव सिर्फ तस्वीरों तक ही सीमित है. देखिए, किन हालात में ललिता पवार जी और मोहन चोटी जी का निधन हुआ.
सरफराज ने कहा ने कहा कि उन्हें इस बात का बहुत ज्यादा दुख हुआ, जब उनके अब्बा के इंतकाल के बाद भी फिल्म जगत के बहुत से लोगों ने कनाडा में उनके किसी बेटे को फोन करने तक की जहमत नहीं उठाई. उन्होंने कहा कि फिल्म जगत में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो मेरे पिता के काफी करीब थे, लेकिन एक शख्स, जिन्हें मेरे पिता बहुत पसंद करते थे, वह हैं बच्चन साहब (अमिताभ बच्चन). मैं अपने पिता से पूछता था कि वह फिल्म जगत में सबसे ज्यादा किसे याद करते हैं तो वह सीधा जवाब देते थे बच्चन साहब. और मैं जानता हूं कि वह प्यार आपसी था.
भावुक बेटे ने कहा कि मैं चाहता था कि बच्चन साहब को पता चले कि मेरे पिता उनसे अंत तक बात करने के बारे में बात किया करते थे. शक्ति कपूर, डेविड धवन और गोविंदा वे लोग थे, जिन्होंने 1980 और 1990 के दशक के दौरान कादर खान के साथ करीबी रूप से काम किया था. गोविंदा ने ऑन रिकॉर्ड कहा था कि कादर खान उनके पिता समान हैं.
सरफराज ने कहा कि किस्मत से, मेरे पिता के पास तीन बेटे थे, जो उनकी देखभाल कर सकते थे. उनका क्या जिनका निधन बिना वित्तीय या भावनात्मक समर्थन के साथ हुआ. कादर खान के प्रशंसक यह जानकर खुश होंगे कि वे जिन्हें प्यार करते थे उनके बीच ही गुजरे. कादर खान के तीन बेटे टोरंटो में एक-दूसरे के करीब ही रहते हैं. सरफराज का कहना है कि परिवार उनकी विरासत को आगे ले जाने का इरादा रखता है.

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