बीसीआर न्यूज़ (मुम्बई): चिंकारा शिकार मामले के अहम गवाह हरीश दुलानी का खुलासा अभिनेता सलमान खान पर भारी पड़ सकता है। दुलानी ने कहा है कि उन्हें कोर्ट में गायब बताया गया जबकि वह कहीं नहीं गए। सलमान को बचाने के लिए उन्हें गवाही के लिए ही नहीं बुलाया।
दिल्ली हाईकार्ट के पूर्व जज तथा सुप्रीम कोर्ट में ‘क्रिमिनल ला प्रेक्टिस’ करने वाले जस्टिस आरएस सोढ़ी कहते हैं कि राज्य इस मामले में सुप्रीम कोर्ट आकर हरीश की बात उठा सकता है। यदि यह बात सामने आई कि दुलानी पर कोर्ट में पेश न होने का दबाव था तो सुप्रीम कोर्ट उसकी गवाही फिर करवाने का आदेश दे सकता है। संविधान के अनुच्छेद 132 के तहत विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने की अनुमति के लिए वह स्वयं सुप्रीम कोर्ट आ सकता है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल लॉ के ज्ञाता डॉ एचपी शर्मा के अनुसार, दुलानी ने धारा 164 के तहत कोर्ट में अपना बयान दिया लेकिन वह बचाव पक्ष के सवाल जवाब के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुआ। इसलिए उसके मुख्य बयानों का मूल्य शून्य हो गया। उसे उसी वक्त सामने आना चाहिए था। लेकिन फिर भी वह अब सुप्रीम कोर्ट में आ सकता है और अनुच्छेद 136 के तहत एसएलपी दायर करने की अनुमति मांग सकता है।
दुलानी ने जो कहा
बयान 1….मैं अपने बयान पर कायम हूं कि सलमान ने ही शिकार किया। मैं गायब नहीं हुआ। सलमान को बचाने के लिए मुझे बुलाया ही नहीं गया।
बयान 2….मेरी जान को खतरा है। यदि पुलिस सुरक्षा मिली, तो फिर बयान दे सकता हूं। पिता को धमकियां मिल रही थीं इसलिए जोधपुर छोड़ा।
बयान 3….अफवाह उड़ाई गई कि मैं दुबई चला गया। मेरे पास पासपोर्ट ही नहीं है। इस मुकदमे के चक्कर में मेरे माता-पिता की मौत हो गई।
दो उदाहरण जब सुप्रीम कोर्ट ने फिर जांच कराई
1- जनवरी में यूपी के राजूपाल हत्याकांड में गवाहों को धमकाने के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने नए सिरे से जांच और ट्रायल का आदेश दिया। इस पर मामला जारी
2- गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों के बेस्ट बेकरी मामले का सुप्रीम कोर्ट ने 2004 में अनुच्छेद 32 के तहत नए सिरे से ट्रायल का आदेश दिया।