ग्रामीण महिलाओ द्वारा चलाये जा रहे स्वंय सहायता समूहों पर केंद्रित है डी डी किसान का नया प्रोग्राम “प्रगति के पथ पर“
बीसीआर न्यूज़ (राजू बोहरा/नई दिल्ली): भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसान इसकी सबसे बड़ी ताकत है क्योकि किसान ने ही कृषि के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभायी है। यू तो आज देश में हर क्षेत्र के लोगो के लिए टीवी चैनल्स और उनसे संबंधित प्रोग्राम है लेकिन किसानो के लिए अब तक कोई ऐसा चैनल नहीं था जो उनसे संबंधित कार्यक्रम और प्रोग्राम प्रसारित करता हो लेकिन हमारा स्वदेशी चैनल दूरदर्शन शुरू से ही हमारे लाखो-करोड़ो किसानो के लिए “कृषि दर्शन“ जैसा लोकप्रिय कृषि कार्यक्रम प्रसारित करता रहा है जिसे देश के किसान भाइयो ने बहुत पसंद किया है। प्रसार भारती ने उससे आगे बढ़ते हुये किसानो के लिए पिछले ही दिनों 24 घंटे का एक नया राष्ट्रीय चैनल “डी डी किसान“ चैनल को लॉच किया है जो लोगो में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है खास कर के किसानो में।
इस चैनल पर इन दिनों लगभग हर तरह के धारावाहिक एव कार्यक्रम चल रहे है जिनमे से एक है “प्रगति के पथ पर“, जिसका प्रसारण हर शनिवार और रविवार सुबह 9ण्30 बजे “डी डी किसान“ पर हो रहा है। डी डी किसान के लिए इस धारावाहिक का निर्माण “ए.एन.एस“ के बैनर तले किया जा रहा है। इसके निर्देशक प्रजा दत्त डबराल है और कार्यकारी निर्माता “फिल्म एम्बीशन“ है। “प्रगति के पथ पर“ महिला सशक्तिकरण पर आधारित एक महिला प्रधान कार्यक्रम है जो गरीब महिलाओ द्वारा चलाये जा रहे स्वंय सहायता समूहों पर केंद्रित है।
देश में लाखों ऐसे स्वंय सहायता समूह है जिन्होंने विकास के नये रास्ते तय किये है, जिन्होंने कामयाबी की नई मंजिलों को छुआ है। जिन्होंने अपनी साहस और हिम्मत के बल पर ग्रामीण महिलाओं को न सिर्फ अंधेरों से निकाला है बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के लिये भी प्रेरित किया है। डी.डी. किसान पर चल रहा यह धारावाहिक-सीरिज ऐसे ही स्वंय सहायता समूहों पर आधारित है। एक खास बातचीत में अपने इस धारावाहिक के बारे में इसके निर्देशक प्रजा दत्त डबराल ने बताया की स्वयं सहायता समूहों पर केंद्रित इसका हर एपिसोड अलग-अलग राज्यों पर चल रहे स्वयं सहायता पर बन रहा है। अब तक हमने छत्तीसगढ़, हिमांचल प्रदेश, केरला, पंजाब, बैंगलोर, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, उड़ीसा, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटका, झारखण्ड सहित लगभग देश के सभी राज्यों में चल रहे स्वयं सहायता समूहों को हम शूट कर चुके है।
गौरतलब है की आज देश के दूरदराज के गांवों में स्वंय सहायता समूहों द्वारा सफलता की नई इबारत लिखी जा रही है ..छोटे छोटे कदम कामयाबी की नई कहानी लिख रहे हैं ..हौसलों को नई उड़ान मिल रही है। कैसे बदल रही है गावों की तस्वीर और तकदीर..और कैसे देश भर में इस मुहिम को आगे बढ़ाने में जी जान से जुटे हैं महिलाओं के स्वंय सहायता समूह इसी को बहुत शानदार तरीके से प्रस्तुत कर रहा है यह प्रोग्राम। दर्शको को जागरूक करने वाले इस धारावाहिक को डी डी किसान ने फिलहाल 52 कडि़यों की स्वीकृति मिली है जिसकी अब तक 40 कडि़या प्रसारित हो चुकी है। इस का पुनः प्रसारण भी हो रहा है