अयोध्या में इसी साल बनेगा राम मंदिर, तारीख हुई तय: सुब्रमण्यम स्वामी
बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): अभी तक तो सिर्फ इसी बात के दावे किए जा रहे थे कि Ayodhya में राम मंदिर जल्द बन जाएगा लेकिन अब बीजेपी के सांसद Subramania Swamy ने कहा है कि मंदिर इसी साल बनना शुरू हो जाएगा और उन्होंने इसकी तारीख भी बता दी है। Swamy के मुताबिक मंदिर निर्माण का काम अगले दो-तीन महीनों में शुरू हो सकता है या फिर अधिकतम इस साल के आखिरी महीने दिसंबर में तो हर हाल में शुरू हो जाएगा।
राम मंदिर का मुद्दा पिछले महीने तब गर्म हुआ था जब विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में पत्थरों की नई खेप मंगाई थी और शिला पूजन के बाद पत्थरों को तराशना शुरू किया था। अब विश्व हिंदू परिषद के बड़े नेताओं के साथ बैठक के बाद Subramanian Swamy ने दिसंबर तक अयोध्या में राम मंदिर बनाने का काम शुरू होने की बात कही है। उनका कहना था कि ‘हम उम्मीद करते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम दो-तीन महीनों के भीतर और निश्चित तौर पर इस साल के अंत से पहले शुरू हो जाएगा। हम अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे और मंदिर किसी आंदोलन से नहीं बनेगा।’
Swamy ने कहा कि मंदिर किसी आंदोलन से नहीं बनेगा तो सवाल उठा कि फिर कैसे होगा तो उनका कहना था कि ‘मंदिर जबरन या फिर किसी आंदोलन के जरिए नहीं बल्कि अदालत के आदेश के बाद ही और हिंदू एवं मुस्लिम समुदायों की आपसी सहमति से बनेगा’ स्वामी का कहना था कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच इस मुद्दे को सौहार्दपूर्वक सुलझाने की कोशिशें की जा रही हैं ताकि अयोध्या में सरयू नदी के दोनों किनारों पर मंदिर और मस्जिद का निर्माण हो। इस फॉर्मूले के तहत वर्तमान जगह पर राम मंदिर और सरयू नदी के पार मस्जिद निर्माण की बात है।
Subramanian Swamy के मुताबिक 9 जनवरी को दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद के एक सम्मेलन में राम मंदिर निर्माण का पूरा एक्शन प्लान पेश कर दिया जाएगा।9 और 10 जनवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर- उभरता परिदृश्य’ विषय पर दो दिन का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। इस सम्मेलन में करीब 300 विद्वान, शिक्षाविद और पुरातत्ववेत्ता, कानून के जानकार हिस्सा लेंगे। इसी दौरान मंदिर निर्माण की पूरी रूपरेखा पर गंभीर चर्चा भी होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय से इस सम्मेलन का कोई लेना-देना नहीं है, सम्मेलन के लिए विश्वविद्यालय का एक हॉल किराए पर लिया गया है, और आयोजन अरुंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ की ओर से किया जा रहा है।
अयोध्या में राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और बिना अदालत के फैसले के आए कोई भी बात आगे नहीं बढ़ सकती, इस पर Swamy का कहना था कि उन्हें कोर्ट केस का स्टेटस पता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगस्त-सितंबर तक कोर्ट का फैसला आ जाएगा और दिसंबर से राम मंदिर का काम शुरू हो जाएगा।
राम मंदिर निर्माण का मुद्दा इतना जोर-शोर से क्यों उठाया जा रहा है? क्या इसका मकसद 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव हैं जो इससे पहले ही मंदिर निर्माण का काम शुरू करा कर फायदा लेने की कोशिश की जा रही है? Swamy का कहना था कि ये मुद्दा कभी भी उठेगा इसे चुनावों से जोड़ दिया जाएगा। अगर से बाद में आता है तो इसे अगले लोकसभा चुनाव से जोड़ दिया जाएगा, राममंदिर बीजेपी का पुराना वादा है और उसे पूरा किया जाएगा। उनका कहना था कि राम को चुनावों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, राम हिंदुओं की आस्था का विषय हैं और मंदिर निर्माण के लिए हर हिंदू संकल्पबद्ध है।
राम मंदिर निर्माण को लेकर Swamy के बयान को लेकर इस बात पर सवाल उठने लगे हैं कि उन्होंने जो कुछ कहा किया वो उनकी निजी राय है या फिर इस दिशा में अंदरखाने से बड़ी तैयारी हो चुकी है। आखिर Swamy को सुप्रीम कोर्ट का फैसला अगस्त-सितंबर तक ही आ जाने की उम्मीद कैसे है, जबकि ये मामला अदालत के पास काफी अरसे से लंबित है। स्वामी की जो पहचान है उससे माना जाता है कि वो जो कुछ कहते हैं वो तथ्यों के आधार पर होता है, तो क्या अयोध्या मामले में अन्य पक्षकारों को इस बात के लिए कुछ हद कर मना लिया गया है, क्या वो उस जगह को छोड़ कर सरयू के उस पार मस्जिद के लिए तैयार हैं। अयोध्या मसले का हल आपसी सहमति से निकले इससे अच्छी बात कोई और नहीं हो सकती,अगर इसके लिए Swamy ने अंदरखाने से भी कोई तैयारी सर्वमान्य तैयारी कर ली है तो उसका स्वागत ही होना चाहिए