बीसीआर न्यूज़ (PoK / कश्मीर): कश्मीर पर घडि़याली आंसू रोने वाला पाकिस्तान दरअसल खुद एक जंग लड़ रहा है। पाकिस्तान के चार ऐसे हिस्से हैं जहां हर रोज आजादी की जंग होती है। हर घर से ये आवाज निकलती है कि “हमें चाहिए आजादी”। “हम ले के रहेंगे आजादी”। “पाकिस्तान तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह-इंशा अल्लाह”। पाकिस्तान के इन इलाकों में एक नारा और बहुत फेमस है वो है “पाकिस्तान तेरे टुकड़े होंगे चार, बंद करो ये अत्याचार”। इस तरह के नारे ना तो हिंदुस्तान में लग रहे हैं और ना लगवाए जा रहे हैं।
बल्कि ये आवाज पाक अधिकृत कश्मीर PoK की है। दरअसल पाक अधिकृत कश्मीर के ज्यादातर लोग पाकिस्तानी हुकूमत से परेशान हैं। यहां पर चलने वाले आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप से दुखी हैं। पाक अधिकृत कश्मीरियों को पता है कि उनके बच्चों का यहां कोई भविष्य नहीं है। ना अच्छी तालीम है और ना ही रोजगार। आतंकियों के गुर्गों को भटके हुए नौजवानों की तलाश रहती है। वो इन युवाओं को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाते हैं और जेहाद के नाम पर मौत की ट्रेनिंग देती हैं।
जबकि पाक अधिकृत कश्मीर में ज्यादातर युवाओं के मां-बाप नहीं चाहते हैं कि उनके जिगर का टुकड़ा अपने बदन पर बारुद बांधे। हाथ में कलम की जगह एके-47 लिए हो। बॉलिंग करने वाले हाथों में हथगोले हों। ये डर PoK के हर बाप का है। हर मां का है। इसीलिए ये लोग PoK को भारत में शामिल करने की मांग करते हैं। लेकिन, सबसे अफसोसनाक बात ये है कि इस तरह की खबरें पाकिस्तानी मीडिया में नहीं आती है। पाकिस्तान चाहता है कि भारत के हिस्से वाले कश्मीर में जनमत संग्रह हो।
लेकिन, हकीकत ये है कि पाक अधिकृत कश्मीर के लोग लगातार पाकिस्तान सरकार से ये मांग कर रहे हैं कि यहां पर जनमत संग्रह कराया जाए। लोगों की राय जानी जाए कि वो किस मुल्क को चुनना चाहते हैं। हिंदुस्तान को या फिर पाकिस्तान को। कौन सा मुल्क उनके लिए बेहतर होगा। लेकिन, पाकिस्तान लगातार PoK के लोगों की आवाज दबाता रहा है। इस इलाके में पाकिस्तानी फौज का दमनचक्र चलता है। यहां पर आजादी के नाम पर जितने भी आंदोलन होते हैं उन्हें कुचलने की कोशिश की जाती है।
पाकिस्तानी फौज, आईएसआई और आतंकी संगठनों ने PoK के माहौल को पूरी तरह बरबाद कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक जगह-जगह पर आतंकियों ने अपने ट्रेनिंग कैंप खोल रखे हैं। इस इलाके में खून-खराबा आम बात है। PoK के लोगों की जिदंगी हर दिन, हर वक्त दहशत में गुजरती है। उन्हें हर दिन ये डर सताता है कि ना जाने कब किसकी गोली उनकी जान ले ले। कुछ राजनैतिक संगठन अगर आवाज भी उठाते हैं तो सेना के जुल्म उन पर भी ढहाए जाते हैं।
दरअसल पाकिस्तान नहीं चाहता है कि PoK में हो रही है जुल्म की दास्तान बाहर निकले और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी चर्चा हो। इसलिए हर वो वक्त, बे वक्त कश्मीर का राग अलाप कर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करता है। क्योंकि पाकिस्तान इस बात को बखूबी जानता है कि भारत में मीडिया जितनी पावरफुल है, पाकिस्तान में उसे कुचलना उतना ही आसान है। इसीलिए पाकिस्तान हर इस मुमकिन कोशिश में रहता है कि घाटी में शांति बहाली ना हो।
कश्मीर में जितनी अशांति होगी। भारतीय मीडिया में उतनी ही ज्यादा खबरें प्रसारित होंगी। जिसका फायदा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहता है। आपको क्या लगता है कि जिस हालात में PoK के लोग रहते हैं तो वहां पर क्या रोज शांति पाठ होते होंगे। ऐसा हरगिज नहीं है। बस इतना समझ लीजिए कि अगर कश्मीर की हिंसा हिंदुस्तान में हेडलाइंस में हैं तो PoK की हिंसा पाकिस्तानी मीडिया में ब्लैकआउट है। तभी तो PoK की आजादी की मांग घाटियों की वादियों में ही गूंज कर रह जा रही है।
टेक्नॉलॉजी के स्तर पर भी PoK का ये इलाका काफी पिछड़ा हुआ है। इसलिए ज्यादातर लोग यहां पर सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल नहीं कर पाते। PoK के इसी पिछड़ेपन का फायदा पाकिस्तान और आतंकी संगठन खूब उठा रहे हैं। लेकिन, सूत्र बताते हैं कि इस इलाके में कोई ऐसा दिन नहीं गुजरता होगा जब यहां पर “हमें चाहिए आजादी”, “हम ले के रहेंगे आजादी”, “पाकिस्तान तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह-इंशा अल्लाह”, “पाकिस्तान तेरे टुकड़े होंगे चार, बंद करो ये अत्याचार” जैसे नारे ना लगते हों।