बीसीआर न्यूज़ (मंगला तिवारी/इलाहाबाद): मउआइमा से इलाहाबाद शहर को जाने वाली महानगरी रोडवेज बसों में से रात में डीजल चुरा कर विक्रम चालकों को औने पौने दामों में बेचा जा रहा है जिससे सरकार को लाखों की चपत लग रही है।स्थानीय लोगों का कहना है कि मऊआइमा के तीनबत्ती क्षेत्र के बस स्टैंड पर रातों मे डीजल निकालकर टेम्पो और विक्रम के चालकों को बेचा जा रहा है।गौरतलब है कि इस डीजल चोरी के कालाबाजारी में कोई बाहरी चोर नहीं,बल्की महानगरी बस के ड्राइवर और कन्डेकटर स्वंय लिप्त हैं।इनके काले कारनामें यहीं नहीं रूकते।जिन ग्रामीण यात्रियों को 5 से 6 किलोमीटर की दूरी तक ही जाना होता है ये महाशय उनसे किराया तो पूरा लेते हैं पर टिकट नहीं बनाते यदि कोई ग्रामीण यात्री गलती से इनसे टिकट के बारे में पूछ भी ले तो ये ऐसे तमतमा कर बात करते हैं जैसे आपने इनकी संपत्ती का विवरण मांग लिया हो।
बता दें कि मऊआइमा इलाहाबाद जनपद से करीब 35 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र है जहां से रोज हजारों ग्रामीण अपनी व्यवसायिक खरीददारी करने हेतु आते हैं,ग्रामीणों को इलाहाबाद शहर आने जाने के लिये महानगरीय बसों का सहारा लेना पड़ता है।यात्रियों से सामान रखनें के नाम पर भी प्रति सामान के पीछे 10 रूपए लिये जाते हैं जिसका कोई भी टिकट नही बनाया जाता है।ड्राइवर दिनेश सिंह और कन्डेकटर इरशरद से जब इस विषय में बात की गई तो उनका कहना था कि इतने कम वेतन में गुजारा नही हो पा रहा है तो क्या करें।सम्बन्धित अधिकारी से शिकायत की बात करने पर इरशरद महोदय का कहना था कि पूरे प्रदेश में सारी महानगरीय बसों का यही हाल है आज तक जब कुछ नहीं हुआ तो अब क्या होगा।सबका हिस्सा फिक्स है आप चाहे जहां शिकायत करना चाहें कर सकते है होने वाला कुछ नहीं है।
सवाल सिर्फ 5 या 10 रू का नहीं है।सवाल यह है कि क्या इस भ्रष्टाचार का कोई तोड़ नहीं है??? क्या इस कमर तोड़ मंहगाई के बाद भी आम जनमानस इस तरह के बेईमानों को अपनी गाढ़ी कमाई यूं ही देती रहेगी???