बीसीआर न्यूज़/नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी के बीच में ही अब ब्लैक फंगस Mucormycosis के मामलों में बीते दो महीने से काफी तेजी से बढ़ है। दिल्ली-एनसीआर में ब्लैक फंगस का खतरा अधिक बढ़ रहा है। दिल्ली में म्यूकोरमाइकोसिस के इलाज के लिए एडमिट होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। अकेले एम्स में इसके 80 से 100 के बीच मरीज हैं। दिल्ली के सभी बड़े अस्पतालों में इन दिनों म्यूकोरमाइकोसिस के मरीज बढ़े हैं। गंगाराम अस्पताल में 6 मई को केवल 6 मामले आए थे, जो 19 मई तक बढ़ कर 60 हो गए हैं। मैक्स के दिल्ली स्थित सभी सेंटरों में 25 मरीज अब तक एडमिट हुए हैं। लेडी हार्डिंग में 12, आरएमएल में 5, अपोलो में 10, आकाश हॉस्पिटल में लगभग 20 मरीजों का इलाज चल रहा है।
गुड़गांव में 75 से अधिक मरीजों का इलाज
प्राइवेट अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिले के अस्पतालों में 75 से अधिक मरीजों का इलाज चलने की बात सामने आई है। निजी अस्पतालों के प्रबंधनकों की मानें तो अब 75 मरीज अलग-अलग अस्पतालों में इलाज ले रहे हैं, जबकि इससे पहले 50 मरीज ही थे। राहत की बात है कि अभी तक ब्लैक फंगस से किसी की मौत होने की बात सामने नहीं आई है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने की समीक्षा बैठक
ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को एक समीक्षा बैठक की है। महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, यूपी, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अब तक इसके 1,800 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। राजस्थान सरकार ने तो ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है।
नोएडा में लोग फोन कर ले रहे जानकारी
नोएडा में कोरोना से उबरने के बाद अब ब्लैक फंगस की चिंता लोगों को परेशान कर रही है। जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम में सुबह से शाम तक तमाम लोग फोन कर ब्लैक फंगस के बारे में जानकारी ले रहे हैं। 24 घंटे संचालित होने वाले इस कंट्रोल रूम के स्टाफ को अब ब्लैक फंगस के एक्सपर्ट डॉक्टरों के माध्यम से इस बीमारी के बारे वर्चुअल माध्यम से जानकारी दी जा रही है।
महाराष्ट्र में 90 लोगों की हो चुकी है मौत
महाराष्ट्र में म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) से अब तक 90 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश के जन स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। ब्लैक फंगस के नाम से कुख्यात म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामले पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण की शुरूआत के बाद से आने शुरू हुए हैं। मंत्री ने कहा, ‘कोविड-19 मरीज के इलाज में स्टेरॉयड के अंधाधुंध इस्तेमाल से बचना चाहिए।’ टोपे ने कहा कि गंभीर मधुमेह और प्रतिरक्षा प्रणाली के दमन जैसे कारकों से भी लोग इस संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं।
मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के करीब 300 मामले
मध्यपप्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 300 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेश में ब्लैक फंगस का इलाज भोपाल और इंदौर में चुनिंदा अस्पतालों में ही किया जा रहा है। वहीं, प्रदेश में ब्लैक फंगस से जुड़ी दवाएं और इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं।
राजस्थान में हजार रोगियों का चल रहा इलाज
राजस्थान में 1000 रोगियों का इलाज चल रहा है। रोजाना 50 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीज सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ मंत्री को लेटर लिख 50 हजार डोज की मांग की है।
राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों में सामने आ रहे है म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) रोग को को महामारी घोषित कर दिया है। राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 की धारा 3 की सहपठित धारा 4 के तहत म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) को संपूर्ण राज्य में महामारी व अधिसूचनीय रोग अधिसूचित किया गया है।
हरियाणा में भी बढ़ रहे मामले, सिरसा में 5 मरे
हरियाणा में ब्लैक फंगस के 177 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। गुड़गांव में ही पिछले दो दिन में ब्लैक फंगस के 25 मामले सामने आए हैं। सिरसा जिले में ब्लैक फंगस से पांच लोगों की मौत हो गई। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कोरोना संक्रमण के बीच सामने आए ‘ब्लैक फंगस’ के इलाज के लिए व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने इसके इलाज के लिए अस्पताल भी तय कर दिए हैं। सीएम ने पीजीआई रोहतक सहित राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों को तुरंत इस बीमारी के इलाज के लिए अधिसूचित करने के निर्देश दिए हैं।
यूपी में नहीं मिल रही है ब्लैक फंगस की दवा, इंजेक्शन
यूपी में रोज 10 से अधिक ब्लैक फंगस के केस मिल रहे हैं। राज्य में अब तक ब्लैक फंगस के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेश में जनरल मेडिकल स्टोर पर बीमारी से जुड़ी दवाओं का स्टॉक नहीं है। कंपनियों से नया माल आने में अभी समय लग रहा है। आईएमए (इंडियन मेडिकल असोसिएशन, नोएडा) नोएडा की जनरल सेक्रेटरी डॉ. मोहिता शर्मा ने बताया कि आईएमए से जुड़े कई डॉक्टरों के पास ब्लैक के मरीज आ रहे हैं। मैं आई स्पेशलिस्ट हूं। मेरे पास इस समय 12 मरीज इलाज के लिए हैं। पिछले 5-6 दिन में ये मरीज मेरे पास आए हैं और मैं इनका इलाज शुरू नहीं कर पा रही हूं। दवा और इंजेक्शन बाजार में उपलब्ध नहीं है।
अभी 15 से 30 दिन का समय लगेगा
देश में ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमायकोसिस के मामले बढ़ते देख फार्मा कंपनियों ने इस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली ऐंटी फंगल दवा एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ा दिया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, दस लाख पर अभी इस बीमारी के मामले 140 ही हैं मगर इनसे मौत की दर 38% है। फार्मा कंपनियों ने जो प्रॉडक्शन बढ़ाया है, वह बाजार तक आने में अभी 15 से 30 दिन का समय लगेगा, क्योंकि इस दवा को बनाने की प्रक्रिया जटिल है।
कहां कितने केस
महाराष्ट्र- 2000
गुजरात- 900
मध्यप्रदेश- 281
हरियाणा- 177
यूपी- 102
राजस्थान- 100
उत्तराखंड- 25
जानें, ब्लैक फंगस में किस स्टेज में क्या होता है:-
स्टेज 1: यह फंगस की शुरुआत है जो नाक से होती है। इसमें वायरस नाक में ही रहता है।
लक्षण: जुकाम, नाक बंद हो जाना, नाक से ब्लड आना, दर्द, चेहरे पर सूजन व कालापन आना।
स्टेज 2: इसमें फंगस नाक से साइनस में पहुंच जाता है। आंख की एक नस साइनस से होते हुए ब्रेन में जाती है, इससे वो भी ब्लॉक होती है।
लक्षण: आंख में दर्द बढ़ता है, आंखों में सूजन आना शुरू हो जाती है, साथ ही आंखों की रोशनी भी कम होने लगती है।
स्टेज 3: इसमें वायरस आंख के अंदर चला जाता है। साथ ही फेफड़े में भी जा सकता है।
लक्षण: आंख हिलती नहीं हैं, बंद हो जाती है, जिससे दिखना भी बंद हो जाता है। फेफड़े में जाने पर खांसी और जकड़न जैसी समस्या हो सकती है।
स्टेज 4: इसमें वायरस ब्रेन में चला जाता है।
लक्षण: इसमें मरीज बेहोश होने लगता है, अन्य मानसिक दिक्कतें भी शुरू हो जाती हैं।
अजय शास्त्री (संपादक और प्रकाशक)
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर (समाचार पत्र) और बीसीआर समाचार (वेब समाचार चैनल और समाचार पोर्टल)