November 15, 2024
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बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): धार्मिक कारणों से वायु सैनिक दाढ़ी रख सकते हैं या नहीं, लंबे समय से छिड़ी इस बहस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने मुहर लगा दी। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की पीठ ने फैसला सुनाया कि वायुसेना के नियम धार्मिकता में हस्तक्षेप के लिए नहीं, बल्कि सेना में समानता का भाव और अनुशासन के लिए बने हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने वायुसेना में मुस्लिम अफसर अंसारी आफताब अहमद की याचिका खारिज कर दी है। आपको बता दे कि आफताब ने वायुसेना में रहते हुए लंबी दाढ़ी रखी थी, जिससे 2008 में उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में नौकरी से निकाल दिया गया था। इसके बाद आफताब ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यहां भी उन्हें कड़े फैसले का सामना करना पड़ा।

आफताब ने अदालत में यह दलील दी थी कि भारतीय संविधान हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है। उन्होंने यह भी हवाला देते हुए कहा कि जब सिखों को सेना में दाढ़ी रखने और पगड़ी पहनने की अनुमति है तो मुसलमान लंबी दाढ़ी क्यों नहीं रख सकते हैं?
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि भारतीय वायुसेना में धार्मिक आधार पर अफसर दाढ़ी नहीं बढ़ा सकते। नियम अलग हैं और धर्म अलग। दोनों एक-दूसरे में दखल नहीं दे सकते। वायुसेना के अफसर अंसारी आफताब अहमद ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्होंने धर्म के आधार दाढ़ी रखी थी और वायुसेना ने उन्हें हटाकर उनके साथ भेदभाव किया है।

हालांकि तत्कालीन यूपीए सरकार ने किसी तरह के सख्त कदम से बचते हुए यह निर्देश दिया था कि सेना में यदि मुस्लिम व्यक्ति दाढ़ी रखते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए, लेकिन बाद में सरकार ने विचार की बात कही थी।

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