बीसीआर न्यूज़ (आगरा): हाल ही में विवादों में रहे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने अपने समुदाय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, ‘हम अपना यकीन खो गए हैं, आज का समय ऐसा है कि मैं अपनी बेटी को सगे भाई के घर नहीं छोड़ सकता।’ नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मुसलमानों के विश्वास को लेकर यह टिप्पणी बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में की। बसपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने एक कहानी सुनते हुए कहा कि, मैंने किताबों में एक कहानी पढ़ी थी. एक यहूदी था, यहूदी जब काम पर जाता था, तो कीमती समान के साथ वे मुसलमान के घर अपनी जवान बेटी छोडकर जाता था।
यहूदी का मानना था कि मुसलमान के घर में उसकी बेटी महफूज है लेकिन आज वो यकीन कायम नहीं है। आज हालात ऐसे हैं कि यहूदी छोडिए मैं अपनी बेटी को सगे भाई के घर छोडने को तैयार नहीं हूं। अपने समुदाय की मानसिकता पर चिंता व्यक्त करते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि, हमने अपना यकीन खो दिया है, इसलिए अब हमारे ऊपर ही सबसे ज्य़ादा ज्यादती होगी। इस दौरान नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को आडे हाथों लिया और कहा कि, केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की समाजवादी पार्टी ने देश में रहने वाले पिछडों, गरीब जाति के लोगों को तबाह और बर्बाद करने का काम किया है।