बीसीआर न्यूज़ (अजय शास्त्री/नई दिल्ली): इंग्लैंड की राजधानी लंदन में हुई खूबसूरती की एक प्रतियोगिता में सोनीपत की प्रवीन रानी ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवाई और Mrs Goodwill 2018 का खिताब अपने नाम किया।
यूके में बसी भारतीय महिलाओं की इस प्रतियोगिता को कलर्स यूके ने करवाया था और इसमें बहुत सी महिलाओं ने हिस्सा लिया था। प्रवीन रानी ने प्रतियोगिता की हर स्टेज को आत्मविश्वास के साथ पार किया और फाइनल में जगह बनाई। वे मुख्य खिताब से भले चूक गई लेकिन उन्हें हर किसी से शाबाशी के साथ-साथ Mrs Goodwill 2018 का खिताब मिला। इस इवेंट में आज तक हरियाणा की तरफ से हिस्सा लेने वाली वे पहली महिला थी।
प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया था जिन्हें अलग-अलग राउंड में परखा गया और कई तरह की ट्रेनिंग भी दी गई। हर राउंड में पार्टिसिपेंट्स को ना सिर्फ खूबसूरती, बल्कि उनके हुनर, कम्यूनिकेशन स्किल्स, कॉन्फिडेंस के हिसाब से जज किया गया।
यह इवेंट यूके में बसे भारतीयों के बीच बहुत लोकप्रिय है और कलर्स यूके के लिए यह इवेंट ब्रैंडवोक ग्रुप ने करवाया। पिछले कुछ महीनों से, जबसे यह इवेंट चल रहा है, भारतीय कम्यूनिटी के बहुत से लोग, हरियाणा से लेकर लंदन तक, प्रवीन रानी के इस सफर से उनके चाहने वाले पूरे जोश के साथ जुड़े।
प्रवीन 2011 में इंग्लैंड गई थीं और पिछले 7 सालों में उन्होंने वहां के एजुकेशन बिजनेस में अपनी पहचान बना ली है। वे लंदन कॉलेज ऑफ बिजनेस साइंसेज में डायरेक्टर और वाइस प्रेजिडेंट हैं। इसके अलावा प्रवीन लंदन के लॉक्सफोर्ड स्कूल ऑफ सांसेज एंड टेक्नोलोजी में पेरंट गवर्नर का काम भी देख रही हैं। वे लंदन में कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी हैं और वहां विश्व हिंदू परिषद के मंदिर में हिंदी सिखाने का काम भी देखती हैं। प्रवीन ब्रिटेन के प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक किंग्समीड स्कूल में गवर्नर हैं। यह स्कूल अपनी विरासत और बेहतरीन पढ़ाई के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।
सोनीपत जिले के आवली गांव में जन्मी और सोनीपत में पली-बढ़ी प्रवीन रानी ने पढ़ाई लिखाई में लम्बा वक्त गुजारा है। सोनीपत के हिन्दू स्कूल और हिन्दू कॉलेज से शुरूआती पढ़ाई के बाद प्रवीन से एमडीयू रोहतक से बीएड, एमए इंग्लिश, एमबीए, एमफिल, बी.लिब., एम.लिब. की, और अब भी वे पीएचडी कर रही हैं। 2011 में इंग्लैंड शिफ्ट होने के बाद उन्होंने एजुकेशन को ही अपना करियर बनाया। लेकिन इस पूरे सफर में ना उन्होंने हरियाणा को छोड़ा, ना हरियाणा उनके भीतर से निकल पाया।
दरअसल प्रवीन जितनी यूके के लाइफस्टाइल और चमक दमक में रम बस गई हैं, उतनी ही वे हरियाणा की अपनी जड़ों से भी जुड़ी हैं। उन्हें जब भी मौका मिलता है वे हरियाणवी संस्कृति और गीत-संगीत के रंग बिखेरने से पीछे नहीं रहती।