बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): दिल्ली हाईकोर्ट से मोदी सरकार को राहत मिली, जिसने केंद्र की नोटबंदी नीति के गुणदोष पर गौर करने तथा बैंकों से प्रतिदिन धननिकासी की सीमा खत्म करने के लिए कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने कहा, ‘परोक्ष रूप से इस रिट याचिका के जरिये आप नोटबंदी पर अधिसूचना को चुनौती दे रहे हैं, हम इसमें नहीं जा सकते, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इसे देख रहा है.’ याचिकाकर्ता ने धननिकासी सीमा तय करने संबंधी केंद्र की अधिसूचना के उपबंध को निरस्त करने की मांग की थी.
आदेश को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि शीर्ष अदालत ने बीती दो सुनवाइयों में देशभर की उच्च न्यायालयों को नोटबंदी फैसले के खिलाफ याचिकाएं विचारार्थ स्वीकार करने से रोकने से इनकार कर दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि लोगा उनसे तत्काल राहत प्राप्त कर सकते हैं.
शीर्ष अदालत ने केंद्र की स्थानान्तरित याचिका तथा नोटबंदी से जुड़े अन्य मामलों पर दो दिसंबर को सुनवाई करने के अनुरोध पर सहमति जताई. अदालत ने अशोक शर्मा की जनहित याचिका का निपटारा किया जिन्होंने इस आधार पर राहत का आग्रह किया था कि केंद्र द्वारा सप्ताह में राशि निकासी की सीमा 24 हजार रपये रखे जाने से बड़े पैमाने पर लोगों की ‘आजीविका पर प्रभाव पड़ रहा है.’