बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): यह खबर उन लोगों के लिए हैं जिनका यह सोचना है कि नरेन्द्र मोदी अदानी, अम्बानी के इशारों पर नाचते हैं। इस खबर को पढ़ने के बाद ऐसा सोचने वालों को करारा जवाब मिलेगा। देश के कुछ लोगों ने अपने मन में यह धारणा बना ली है कि नरेन्द्र मोदी सारे काम इनके कहने पर ही करते हैं। आपको बता दें मोदी सरकार ने ऐसा सोचने वालों के लिए अपने इस कारनामे से चुप करा दिया है।
रिलायंस समूह पर ठोका 10311.76 करोड़ रूपये का मुआवजा:
सरकार ने पिछले सात सालों से केजी बेसिन में रिलायंस और उसकी सहयोगी कंपनियों की दखलंदाजी के लिए 1.55 बिलियन डॉलर (लगभग 10311.76 करोड़ रूपये) की माँग की है। आपको बता दें, इस बेसिन में तेल निकालने का हक़ राज्य के अधीन काम करने वाली कंपनी ओएनजीसी का है। इसमें रिलायंस और उसकी सहयोगी कंपनियों ने दखलंदाजी की है।
जस्टिस ए.पी. साह की समिति ने सौंपी पेट्रोलियम मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट:
ओएनजीसी नहीं बल्कि सरकार को मिलना चाहिए मुआवजा:
ओएनजीसी से गैस निकालकर अपने फायदे के लिए रिलायंस समूह उसे बेचती है जो अन्यायपूर्ण है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस समूह की भूमि ओएनजीसी के क्षेत्र में पड़ती है। 1 अप्रैल 2009 से लेकर 31 मार्च 2015 के बीच 11 अरब घन मीटर गैस प्रवाहित होती थी, जिसमे से केवल 9 अरब घन मीटर गैस रिलायंस समूह ने उत्पादित किया है। हालांकि समिति ने कहा है कि, मुआवजा सरकार को मिलना चाहिए ना कि ओएनजीसी को।