November 15, 2024
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जनपद मथुरा के जवाहर बाग़ में मौत का खूनी तांडव

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बीसीआर न्यूज़ (मथुरा/उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में कथित सत्याग्रहियों ने जमकर बवाल काटा। जवाहर बाग पर अवैध कब्जा जमाए बैठे कथित सत्याग्रहियों को हाईकोर्ट के आदेश पर हटाने पहुंचे पुलिस बल पर लोगों ने हमला कर दिया। उन पर बम और हथगोलें फेंके। लोगों ने जवाहर बाग में आग लगा दी। फायरिंग में एडि‍शनल एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी, सिटी मजिस्ट्रेट रामअरज यादव, एसओ प्रदीप कुमार और एसओ संतोष कुमार यादव को गोली लग गई। हॉस्‍पिटल ले जाते समय संतोष कुमार यादव की मौत हो गई। वहीं, मुकुल द्विवेदी की आगरा के नयति हॉस्पि‍टल में इलाज के दौरान मौत हो गई। 25 सिपाही भी घायल हुए हैं। पुलिस को भी जवाबी फायरिंग करनी पड़ी जिसमें 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और 40 से ज्यादा घायल हो गए। सूत्रों से खबर यह भी है कि इस हमले में पुलिस कर्मियों समेत करीब 2 दर्जन लोगों की मौत हुई है हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई। कथित सत्याग्रहियों के नेता रामवृक्ष यादव और चंदन गौर साथियों के साथ भाग निकले। पुलिस को बाग में बारूदी सुरंगें भी मिली हैं। देर रात तक सर्च ऑपरेशन चलाकर बाग खाली करवा लिया गया। पकड़े गए कथित सत्याग्रहियों को अस्थायी जेल में रखा गया है।

समझा जाता है कि पथराव व फायरिंग आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही संगठन के कार्यकर्ताओं ने किया जिन्होंने अतिक्रमण किया था। वहीं मथुरा में देर शाम हुई घटना की जानकारी होते ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डीजीपी जावीद अहमद से बातचीत कर मामले की विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मृतक एसओ संतोष कुमार के आश्रितों को 20 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है। मामले की जांच के लिए टीम गठित करते हुए आगरा के मंडलायुक्त को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं हालात को देखते हुए 12 कंपनी पीएसी मथुरा भेजी गई, जबकि देर रात सचिव गृह मणि प्रसाद व एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत चौधरी मथुरा के लिए रवाना हो गए।

क्‍यों भड़की आग?

कलक्ट्रेट के पास 280 एकड़ एरिया में जवाहर बाग है। यह उद्यान विभाग की जमीन है। इसमें करीब 3000 लोग दो वर्षों से अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं। इन्हें हटाने के लिए लम्बे समय से प्रयास चल रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में गुरुवार की शाम को पुलिस-प्रशासन पूरी तैयारी के साथ जवाहर बाग खाली कराने पहुंचा। जहां जवाहर बाग में घुसते ही अवैध कब्जा जमाए बैठे कथित सत्याग्रहियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इस पर जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर गोली चलाई। दोनों ओर से फायरिंग होते ही स्थिति बिगड़ गई। जब तक कोई कुछ समझ पाता, तब तक एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी, सिटी मजिस्ट्रेट राम अरज यादव, एसओ सदर और एसओ फाराह संतोष कुमार के गोली लग गई। संतोष कुमार की मौत हो गई।

गोली लगने से आधा दर्जन पुलिस के जवान भी घायल हुए हैं। पुलिस की गोली से जवाहर बाग में पांच सत्याग्रहियों की भी मौत हो गई है। मथुरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विवेक मिश्रा ने बताया कि संघर्ष में पांच विरोधकर्ता और दो पुलिसकर्मी मारे गए। वहीं अवैध कब्जा करने वालों के हौसले इतने बुलंद थे कि वे कई सिपाहियों को अंदर खींच ले गए। उनका क्या हुआ, अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस पर दबाव बनाने के लिए इन लोगों ने जवाहर बाग में आग लगा दी। इससे पुलिस के कदम रुक गए। घायलों को कई निजी और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहां से 10 लोगों को हाथ बांधकर जिला अस्पताल लाया गया है जबकि बहुत से सत्याग्रही भाग गए हैं।

पेड़ों पर चढ़कर की फायरिंग

गुरुवार को प्रशासन पहले ही कार्रवाई की चेतावनी दे चुका था। एजेंसियों के अनुसार, करीब 3000 सत्याग्रही भी गोरिल्ला अंदाज में हमले के लिए तैयार थे। पुलिस टीम के अंदर घुसते ही सत्याग्रहियों ने झोपड़ियों में आग लगा दी और पथराव के साथ ही पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां, बम व हथगोले बरसाने लगे। पुलिस को ऐसे हमले की उम्मीद नहीं थी। सत्याग्रही पेड़ों पर चढ़कर फायरिंग कर रहे थे, इसलिए भी पुलिस पर भारी पड़े। बवालियों ने धमाकों के लिए बारूदी सुरंगें भी बिछा रखी थीं।

राजनाथ सिंह ने किया ट्वीट

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया है कि मथुरा में हिंसा की घटना में हुई मौतों पर दुखी हूं। भगवान शोक में डूबे परिवारों को दुख सहने की शक्ति दे। मथुरा के मुद्दे पर यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात कर स्थिति की समीक्षा की। मैंने उन्हें केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) एचआर शर्मा ने बताया कि करीब 3000 अतिक्रमणकारियों ने पुलिस दल के मौके पर पहुंचने पर उस पर पथराव किया और फिर गोली चलाई। पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर जवाबी कार्रवाई के तहत गोली चलाई।

2 साल से कर रखा था पार्क पर कब्जा

मथुरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विवेक मिश्रा ने बताया कि टकराव में पांच विरोधकर्ता और दो पुलिसकर्मी मारे गए। वहीं, मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में फायरिंग की जांच के आदेश दिए है। जांच का जिम्‍मा आगर के कमिश्‍नर प्रदीप भटनागर को सौंपा गया है। दरअसल, अपने को धार्मिक संगठन बताने वाले एक समूह के सदस्यों ने दो साल से अधिक समय से पार्क पर कब्जा कर लिया था। अदालत से आदेश के बावजूद पुलिस उन्हें अभी तक यहां से निकालने में विफल रही थी।

अखिलेश यादव ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपर पुलिस महानिदेशक को मौके पर जाकर स्थिति को तत्काल काबू करने के निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने और दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश भी दिया है। अखिलेश यादव ने घटना में शहीद थानाध्यक्ष के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके परिजनों को 20 लाख रूपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है।

स्वचालित हथियारों से गोलीबारी

डीएम राजेश कुमार ने बताया कि कार्यकर्ताओं के नेता राम वृक्ष यादव और समूह के सुरक्षा अधिकारी चंदन गौर वहां से अपने हजारों समर्थकों के साथ भाग गए। उन्होंने बताया कि शुरू से ही कार्यकर्ताओं का रुख आक्रामक था और उन्होंने हैंड ग्रेनेड का उपयोग करने के साथ ही पेड़ों पर पोजीशन लेकर स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। डीएम ने बताया कि हैंड ग्रेनेडों तथा एलपीजी सिलिंडरों के विस्फोट से पूरा इलाका धुएं से भर गया। इसके बाद कई झोपड़ों में आग लग गई, जिसे दमकल वाहनों ने बुझाया।

ये भी हैं दोषी

सूत्रों की माने तो प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा, डीजीपी जावीद अहमद, एडीजी (एलओ) दलजीत सिंह और मथुरा के डीएम राजेश कुमार व एसएसपी डॉ. राकेश सिंह को 15-20 दिन से इस मामले की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए और इतनी बड़ी घटना हो गई।


ये है सत्‍याग्रहियों की डिमांड…

देश में सोने के सिक्कों का प्रचलन किया जाए। आजाद हिंद फौज के कानून माने जाएं। इसी की सरकार देश में शासन करे। पेट्रोल और डीजल की कीमत एक रुपए प्रति लीटर की जाए। गुरु देव का मृत्यु प्रमाण पत्र दिया जाए। आजाद हिंद बैंक करेंसी से लेन-देन शुरू की जाए। जवाहरबाग की 270 एकड़ जमीन सत्‍याग्रहियों को सौंप दी जाए। सत्‍याग्रहियों के बीच में पुलिस कोई कार्रवाई न करे। देश में अंग्रेजों के समय से चल रहे कानून खत्‍म किए जाएं। पूरे देश में मांसाहार पर बैन लगाया जाए। मांसाहार करने वालों को सजा दी जाए। नारा था, ‘आजाद हिंद बैंक करेंसी से लेन-देन करना होगा, नहीं तो भारत छोड़ना होगा’। इस डिमांड को इन्‍होंने दीवारों पर लिख रखा है। इसी बहाने वे बाग में जमे हुए थे। इनका नेता रामवृक्ष यादव है। उसके पैर में भी गोली लगी है।

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