December 29, 2024
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बीसीआर न्यूज़/दिल्ली।। इजराइल और फिलिस्तीन के टकराव के बीच कोई ईस्लामिक_राष्ट्र नही आना चाहता कि वह इजराइल के कोप का शिकार बने।

इसकी वजह है इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का बयान जिसमें उन्होंने बेहदसाफशब्दों में कहा था कि जो भी देश इजराइल के विरुद्ध फिलीस्तीन का साथ देगा, उस देश को नेस्तनाबूत कर दिया जायेगा।
फिलीस्तीन को बहुत उम्मीद थी कि कुछ महीनों पहले आर्मेनिया के खिलाफ जिस तरह ईस्लामिकराष्ट्रएकजुट हुए थे वैसे ही इस बार भी एकजुट हो जायेंगे।

लेकर फिलीस्तीन ये भूल गया था कि ये आर्मेनिया की तरह कमजोर राष्ट्र नही इजराइल है इजराइल – जिससे उलझनें की हिम्मत अमेरिका भी खुलकर कभी नही करता।
तुर्की, पाकिस्तान थोड़े बहुत उछले जरूर थे
पर फिर ठंडे होकर बैठ गये।

अभी दो दिन पहले सऊदी अरब ने चौधरी बनने की कोशिश की थी तो इजराइल ने स्पष्ट कह दिया था कि तुम्हारे मक्कामदीना इजराइल से ज्यादा दूर नही है। जिस तरह गाजापट्टी की मस्जिद को धराशायी किया है उसी तरह मक्का मदीना भी जमींदोज कर दिया जायेगा।
बस इतना सुनना था कि सऊदी अरब के हाथपैरफूल गये और तुरंत एक बयान आया
कि हमे इस मामले से कुछ लेना देना नहीं है।
तुर्की के इशारे पर लेबनन ने तीन राकेट इजराइल पर छोड़ तो दिए, लेकिन अगले ही पल उसके पतलून गीले हो गए, नतीजन माफी मांग ली। घण्टे भर में बयान आ गया कि ये रॉकेट उसने नहीं छोड़े हैं,
और जिसने छोड़े हैं, उसे पकड़ लिया गया है
और उसे कड़ी सजा दी जाएगी।

जानते हैं इजराइल की आबादी_भारत के एक महानगर के बराबर भी नही है – मात्र 90 लाख। लेकिन इजराइल को पता है कि वक्त आने पर उसके देश का हर नागरिक एक सिपाही की तरह तैयार रहेगा – इसे कहते हैं राष्ट्रवाद।

इस समय इजराइल में नेतन्याहू अल्पमत की सरकार चला रहे हैं लेकिन वहाँ के विपक्ष ने सरकार से स्पष्ट कर दिया है कि आप पूरी ताकत से फिलीस्तीन पर हमला करें, हम अपने अंदरूनी मामले हम बाद में देख लेंगे। आज के समय आप इजराइल के पिता हैं। आपके हर निर्णय में विपक्ष आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

“इसे कहते हैं_राष्ट्रवाद”

और हमारे यहाँ अगर राष्ट्रवाद की बात कह दो तो तुरंत बीजेपी, आरएसएस के ऐजेंट का सर्टिफिकेट मिलने लगेगा, अंधभक्त तो हैं ही।।

जिस देश में अत्यआधुनिक तकनीकी हथियारों से लैस 90 लाख सैनिक हों उससे दुनियां में कौन हरा सकता है,,, भारत में भी जब तक शस्त्र पूजन की परम्परा थी देश दिग्विजई था,, अब जाकर छद्म अल तकिया के धूर्त बंदर बांट का शिकार हो कर अपना करोड़ो का रोजगार बाजार छोड़ कर नौकरी दासत्व को प्रप्त करने के लिए आरक्षण की मारपीट आपस में कर रहा है उसकी बुद्धि इस भेड़ चाल से अलग कुछ सोच ही नहीं पा रही है।।

विनुविनीत त्यागी
(बी.सी.आर.न्यूज़)

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