November 15, 2024
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भारतीय रेलवे मंत्री ने दोहराई कर्म की शक्ति

कर्म सूत्र किताब को कई भाषाओं में किया रिलीज

रेल मंत्रीसुरेशप्रभु की पत्नी ने विश्व किताब मेले में किताब के बारे में बताया

बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): कुदरती नियम के अनुसार कर्म को कारण और प्रभाव का नियम माना जाता है।यदि आप कर्म अच्छाकरते हैं तो आपका अच्छा फल मिलता है।यदि आप किसी का नुकसान करते हैं तो आपका भी नुकसान होगा और यदि आप किसी केसाथ अच्छा करते हैं तो आपके साथ भी अच्छा ही होगा। हालांकि हर घर में कर्म का नाम लिया जाता है लेकिन कुछ ही लोग यह जानते हैं कि अपनी जिंदगी की बैलेंसशीट में कर्म की जायदाद को किस तरह बढ़ाया जा सकता है।

कर्म सूत्रनामक किताब में इसजानकारी में और ज्यादावृद्वि की गईहै और इस किताब के साथ हर व्यक्ति जुड़ा हुआ महसूस कर सकता हैऔर इससे अपनी आत्मिक ज्ञान में वृद्वि कर सकता है।

कई भाषाओं में तैयार की गई कर्म सूत्र नामक किताब को केंद्रीय रेलवे मंत्री सुरेशप्रभु ने रिलीज किया। यह किताब हिंगोरी सूत्र काअग्रणी उत्पाद है। कर्म सूत्र किताब को अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी, मराठी, बंगाली और जर्मन भाषा में अनुवाद किया गयाहै। हिंगोरीसूत्र की इच्छा अपनी किताबों को एशिया औ रयूरोप की कईभाषाओं में उपलध करवानाहै।

हिंगोरीसूत्रा भारत के आत्मिक ज्ञान की पांच किताबों की श्रृंखला का समावेश है। रेल मंत्री सुरेशप्रभु ने कहा, ‘आज जहां पूंजी वाद नेमानवता को पीछेछोड़ दिया है, हिंगोरीसूत्र ने एक नया दृष्टिकोण पेश किया है और व्यक्ति को जिंदगी दौरान साहसिक पलों को मापनेका एक अवसरप्रदान करती है। ऐसी किताबों में सबसे बढिय़ा चीज यह होतीहै कि यह अवधारणाओं में स्पष्ट करने में आपकी सहायताकरती है। हिंगोरीसूत्र की एक अंतर्दृष्टियहहै कि मैं रोजाना बिना किसीस्वार्थ के दूसरों की सहायता करने की कोशिश करता हूं क्योंकिसमझता हूं कि एक मानव होने के नाते दूसरों की सहायता करने में मेरा विकास निहित है।’

इस अवसर पर सुरेशप्रभु की पत्नी श्रीमति उमाप्रभु ने हिंगोरी सूत्र के प्रमुख उत्पाद ‘कर्माक्वेस्ट’ के बारे में बताया।पूरी दुनिया में यह सिर्फ एकमात्र आईक्यूटैस्ट है जो किसी व्यित के आत्मिक मूल्यांकन द्वारा रुहानी पेशक दमी का राह सुझाता है। किसी व्यित में यहअलग-अलग चारस्तरों में होता है।

हर स्तर व्यक्ति कोतीनपी जैसे फिलॉस्फी, फिलांथ्रोपी और प्रैक्टिस, पर आधारित विशेषसलाह देताहै और यह खुद के विकास के लिएकिताबें पढऩे की सलाह देताहै।

कर्मा क्वेस्ट को रिलीज करने के अवसर पर हिंगोरी सूत्र की कोशिशों की प्रशंसा करतेहुए उमाप्रभु ने कहा, ‘मुझे अपने आत्मिक र्आयू कामूल्यांकन करने के लिए कर्मावेस्ट में शामिल होना अच्छा लगता है। कुछ सवाल मुझे दूरवर्ती और असरदार रुख अपनाने में मददकरते हैं। और मैं यह सोचकर हैरान होती हूं कि ऐसी साधारणधारणा पहले कभी सामने क्यों  नहीं आई।? मैं समझतीहूं कि आत्मिकआई क्यूटैस्ट उन सभी के लिए जरूरी किया जाना चाहिए जो अपने रुहानी स्तर के साथतजुर्बा करने की सोच रखते हैं।’

हिंगोरीसूत्र की ओर से बोलते हुए एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हिंगोरी के लेखक का बुनियादी फलसफा लोगों कोरुहानी सिखलाई देना है। एकरुहानी किताब फिलॉस्फी, फिलांथ्रोपी और प्रैक्टिस का सुमेल होनी चाहिए। ऐसा न होने पर एक किताब व्यक्ति के अंदर तक असरनहींडाल सकती औरसिर्फ थ्यौरी का साधन बनकर रहजातीहै, इसलिए हिंगोरी सूत्र समझने में आसान, प्रासंगिक तौर पर समकाली औरअसलजिंदगी की कहानियों पर आधारितहै।

 प्रवक्ता ने हिंगोरीसूत्र के बारे में आगेबोलतेहुए कहा, ‘हिंगोरी का मानना है कि हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए जिससे मानवता केप्ररेणादायक संदेश मिले। किसी व्यक्ति को पहचान की जरूरत नहीं और रुहानी अभिमान लेखक की सोच के अनुसार नहीं। लेखक ने बेनाम रहना अच्छा समझा और अपने काम द्वारा बड़े बदलाव का राह दिखाया। लेखक के बेनाम रहने के कारण हमें अपनी किताबेंखोजमुखी रूप में लोगों तक पहुचाने का अवसर मिलता है। लेखक का अध्ययन उपलध न होने के कारण हमनें अपनी किताबों मेंधारणा कोजागृत रखने के लिए मध्यम संगीत और नृत्य का प्रयोग किया है। इस ढंग से कर्म की गाथा मूर्त रूप लेती है और आजआपने जोनाकी राघवन की यादगारी पेशकश देखी

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