November 15, 2024
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News Desk

बीसीआर न्यूज़/दिल्ली: कमरतोड़ महंगाई और बेरोज़गारी की वजह से महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं। एक तरफ महंगाई और दूसरी तरफ बेरोज़गारी से जूझ रहे पति अपने घर की महिलाओं पर गुस्सा निकालते हैं।

इंडियन वुमेन्स प्रेस कॉर्प्स के प्रांगण में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अलका लांबा ने बताया कि “भारत जोड़ो यात्रा” के दौरान महिला संवाद से राहुल गांधी को इस बात का एहसास हुआ कि महिलाओं को पूर्ण रूप से सशक्त होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, संवैधानिक और कानूनी अधिकारों के प्रति संकल्पबद्ध है।

“महालक्ष्मी गारंटी” में महिलाओं को हर साल एक लाख रुपए “नारी न्याय” के तहत दी जाएगी। बकौल लांबा यदि उनकी सरकार आती है तो “आधी आबादी” के तहत आंगनबाड़ी, आशा वर्करों और मिड-डे-मील की बहनों का मासिक वेतन दोगुना कर दिया जाएगा। उन्होंने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जहां कांग्रेस शासन काल में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई कानून लाए गए, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के शासन में महिलाएं अत्याचार की शिकार हो रही हैं। कांग्रेस हमेशा से ही महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए कई कदम उठाए हैं। आरक्षण मुद्दे पर पत्रकारों के एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बड़े ही बेबाकी से कहा कि सत्ता में न होने से उनके हाथ बंधे हुए हैं यदि उनकी सरकार आती है तो महिलाओं को उनका पूरा हक मिलेगा। महिला आरक्षण कानून लागू न करके “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” नारे को मोदी सरकार ने महज एक जुमला बना दिया है। कांग्रेस ने जहां पंचायतों और नगर निगमों में महिलाओं को आरक्षण देकर बहनों को राजनीतिक सशक्तिकरण दिया है वहीं सत्ता में आने के बाद महिला आरक्षण कानून लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में लगातार महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं और ये अत्याचार और हमलें ज्यादातर सत्ता में बैठे नेताओं या सरकारी संरक्षण प्राप्त अपराधियों व नेताओं द्वारा किए जाते हैं। यही कारण है कि आज बेटियों को न्याय नहीं मिल रहा है और अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं। पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि राज्य सभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हुए हमले पर कांग्रेस क्या कर रही है, इस पर लांबा ने कहा कि स्वाति एक सशक्त महिला है और न्याय लेने में सक्षम हैं। बहरहाल कांग्रेस पीड़िता के साथ खड़ी है। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा की साक्षी मलिक, गुजरात की बिल्किस बानों, उत्तराखंड की अंकिता भंडारी, मणिपुर की आदिवासी बेटी, बीएचयू में पढ़ने वाली आईआईटी की छात्रा, उन्नाव, हाथरस, कानपुर की नाबालिग बेटियों को भी नहीं भूलना चाहिए। इन बेटियों के अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पहल पर एफआईआर दर्ज हुआ। पत्रकारों पर हो रहे लगातार हमलों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कांग्रेस की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि यदि कांग्रेस गठबंधन की सरकार आती है तो पत्रकारों की सुरक्षा, संरक्षण और आत्मसम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा। क्योंकि स्वस्थ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की अवहेलना लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।

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