1978 में मोदी की डिग्री कंप्यूटर से कैसे छपी ? क्या बिल गेट्स ने कोई स्पेशल कंप्यूटर भेजा: केजरीवाल
बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री को लेकर चल रहा विवाद रुकने का नाम नही ले रहा है। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले में सफाई दे चुके हैं, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री को सही बताया हैं और कहा है कि यूनिवर्सिटी के पास सारे रिकॉर्ड मौजूद हैं लेकिन आम आदमी पार्टी इस मामले में अभी भी इस बात पर कायम है कि पीएम मोदी की डिग्री फर्जी है।
अमित शाह और अरुण जेटली द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में पीएम की डिग्री को सार्वजानिक करने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने नये सवाल खड़े किये हैं। आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के अधिकारी केंद्र सरकार के दबाव में आकर प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को सही बता रहे हैं।
आम आदमी पार्टी ने सवाल किया है कि एक ही समय में जारी नरेन्द्र मोदी की मार्कशीट और दूसरे छात्रों की मार्कशीट में अंतर कैसे हो सकता है। नरेन्द्र मोदी की मार्कशीट में नाम और अंक हाथ से नही लिखे हैं, जबकि अन्य छात्रों की मार्कशीत में नाम व अंक हाथ से लिखे हैं। ये कैसे हो सकता है। क्या 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय के पास कंप्यूटर थे या फिर बिल गेट्स ने मोदी की डिग्री तैयार कराने के लिए स्पेशल कोई कंम्यूटर DU में भेजा था।
आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष का कहना है कि बीजेपी द्वारा जारी मोदी की मार्कशीट में आवेदक का नाम और विषय हाथ से नहीं लिखा गया है, जबकि उस समय जारी हुई अन्य मार्कशीट में यह सब हाथ से लिखा है। हमारे पास जो मार्कशीट है, उसमें हाथ से Passed लिखा है। दूसरी तरफ मोदी कि मार्कशीट में Passed हाथ से क्यों नहीं लिखा गया है। नरेन्द्र मोदी कि मार्कशीट में चेक्ड बॉय लिखा है, जबकि उसी सत्र में अन्य छात्रों की मार्कशीट में चेक्ड बाय और प्रीपेयर्ड बाय प्रमुखों के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी का हस्ताक्षर भी है।
इसके अलावा आशुतोष का कहना है कि नरेन्द्र मोदी की डिग्री में यूनिवर्सिटी का लोगो आधुनिक फोन्ट में छपा है, जबकि असली डिग्री का फोन्ट साधारण है। इससे साबित होता है कि मोदी की डिग्री फर्जी है।