November 15, 2024
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बीसीआर न्यूज़/नई दिल्ली: आपको बता दें कि, अब से करीब 70 साल पहले समुन्द्र में एक दिल को दहला देने वाला बेहद दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें एक समुंद्री नरभक्षी वेहल मछली एक साथ सैकड़ो मासूम लोगो को निगल गई थी,जिससे समुन्द्र का पानी भी लाल हो गया था।

प्रशांत महासागर का नीला पानी उस वक्त खून से लाल हो गया, जब खतरनाक शार्क मछलियां एक-एक कर के सैकड़ों लोगों को जिंदा चबा गईं. तब टाइगर शार्क और समुद्री व्हाइटटिप शार्क ने पानी में अब तक दर्ज किए गए मनुष्यों पर सबसे बड़े हमले को अंजाम दिया था. सार्जेंट एडगर हैरेल इस हमले में बच गए थे. उन्होंने इस खौफनाक हादसे को बयां किया है.

ये हादसा 1945 में हुआ था.

जुलाई 1945 में प्रशांत महासागर में था, जहां इसेटिनियन द्वीप पर बने नौ सैनिक अड्डे पर परमाणु बम के महत्वपूर्ण सामानों को ले जाने का काम सौंपा गया था.

लेकिन 30 जुलाई को रास्ते में ये जहाज जापानी टॉरपीडो से टकरा गया. इसके बाद, दो टुकड़ों में बंट गया. यह महज कुछ मिनटों के भीतर समुद्र में डूब गया. इस जहाज पर 1,195 लोग सवार थे. उस घटना को याद करते हुए सार्जेंट एडगर हैरेल कहते हैं कि सैकड़ों लोग पानी में डूब रहे थे, इस बीच ‘समुदी जानवरों’ का हमला हुआ।

उन्होंने बताया कि पानी में जिंदा बचे लोगों पर चार दिनों तक फिलीपिंस सागर के बीच में ‘समुद्री खूंखार जानवरों’ ने हमला जारी रखा था. साल 2019 में हैरेल ने बताया कि, “हम सब सुन रहे थे कि आदमियों को जिंदा चबाया जा रहा था. हर दिन, हर रात.” हैरेल ने बताया कि “हम अपनेदोस्त को ढूंढते और उसकी जांच करते और पाते कि वह टुकड़ों में अलग हो गया है, या नीचे पानी में चला गया था.”

इस शार्क हमले के समय हैरेल 20 वर्ष के थे. इस वर्ष मई में 96 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. यह शार्क हमला इतिहास में सबसे खौफनाक शार्क अटैक के रूप में जाना जाता है. हैरेल ने बताया कि जैसे ही हमारे जहाज पर जापानी टारपीडो का अटैक हुआ, जहाज टूटकर डूबने लगा. टारपीडो के अटैक से कई लोग तुरंत ही मारे गए कुछ पानी में कूदकर जान बचाने लगे. हालांकि, हैरेल और उनके साथी भलेही जापानी टारपीडो अटैक से बच गए थे, लेकिन समुद्र में एक और बड़ा खतरा उनका इंतजार कर रहा था. सैकड़ों की संख्या में तैरते लोगों पर अचानक से शार्क का हमला हुआ. किसी का पैर गायब हो गया तो किसी का हाथ. समुद्र का नीला पानी लाल हो रहा था.

और जैसे ही लोगों का खून पानी में फैल गया, शार्क जो तीन मील दूर तक खून को सूंघ सकती है, ने जबरदस्त हमला किया. पानी में जिंदगी के लिए जंग करीब चार दिन तक चली. लोगों के पास ना तो भोजन था ना शुद्ध पीने का पानी. ऊपर से दिन में कड़ाके की धूप और रात में भीषण ठंड. हैरेल द्वारा इन कठिन हालातों का जिक्र सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे।।

विनुविनीत त्यागी
(बी.सी.आर. न्यूज़)

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