November 15, 2024
Gursevak Singh

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <!-- 1391 BCR --> <ins class="adsbygoogle" style="display:block" data-ad-client="ca-pub-3954683617932208" data-ad-slot="8945851974" data-ad-format="auto"></ins> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); </script>

24 साल का जवान गुरसेवक सिंह आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद

 (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

बीसीआर न्यूज़ (पठानकोट/पंजाब): पंजाब के पठानकोट में एयरबेस कैंप पर हुए आंतकी हमले में अंबाला ने अपना वीर सपूत गुरसेवक सिंह को खो दिया। 24 साल का जवान गुरसेवक सिंह आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गया है। गुरसेवक अंबाला के गरनाला गांव का रहने वाला था और उसकी बीती 18 नवम्बर को ही शादी हुई थी। इस दुःख की घड़ी में परिवार का कहना है कि उनके बेटे ने देश के लिए शहादत दी है यह उनके लिए गर्व की बात है।
गुरसेवक एयरफोर्स में भर्ती हुआ था और वह कपल के पद पर तैनात था। बताया जा रहा है कि गुरसेवक का बड़ा भाई हरदीप भी भारतीय सेना में है और धर्मशाला में तैनात है। पठानकोट पर हुए हमले में बेटे के वहां होने की सूचना परिवार को नहीं थी क्योंकि गुरसेवक तो आदमपुर में तैनात और अचानक उसे पठानकोट भेज दिया गया जहां उसने दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाई व वीरगति को प्राप्त हुआ।
जैसे ही गुरसेवक के शहीद होने की खबर गांव में पहुंची तो परिवार को यकीन नहीं हुआ। वहीं पूरे गांव में गुरसेवक की शहादत पर शोक की लहर है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। गुरसेवक की मां के आंसू भी थमने का नाम नहीं ले रहे थे। परिजनों ने बताया कि आखिरी रविवार को गुरसेवक अपनी पत्नी जसप्रीत को मायके में छोड़ कर आया था। पत्नी जसप्रीत अभी भी मायके में है और उसे गुरसेवक की शहादत की जानकारी नहीं दी गई है। शहीद गुरसेवक के पिता ने कहा कि वह दुखी जरूर हैं लेकिन उन्हें गर्व भी है कि उनके बेटे ने देश की सेवा के लिए शहादत दे दी।
उन्होंने कहा कि बेटे गुरसेवक ने उनका और देश की सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। वहीं गुरसेवक के दोस्तों ने कहा कि उनका दोस्त बहुत दलेर और दिलदार था…आज वे लोग खुद को अकेला महसूस कर रहे है। भले ही आतंकी अपने किए इस हमले से खुश होंगे लेकिन शहीद जवानों के परिजनों के बोले उन आतंकियों को कील तरह चुभ रहे होंगे कि भारतीय जवान जहां शहादत से नहीं डरते वहीं उनके परिजनों के हौसले भी फौलादी हैं।

Leave a Reply