बीसीआर न्यूज़ (अजय शास्त्री/नई दिल्ली): देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना संक्रमण खतरे को देखते एक बार फिर लॉकडाउन (Lockdown 2.0) बढ़ा दिया गया है। इसी बीच मुसलमानों के पवित्र रमजान (Ramadan 2020) का मुबारक महीना २४ अप्रैल से शुरु होने की उम्मीद है। ऐसे में कोरोना के संक्रमण के साये में रमजान का मुबारक महीना फंसता नजर आ रहा है। रमजान को लेकर दारुल-उलूम की ओर से फतवा जारी किया गया है। फतवे में कहा गया है कि कोरोना वायरस से बचाव को सरकार द्वारा देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के चलते माह-ए-रमजान की इबादतों को अपने घरों में रहकर ही करें। साथ ही स्वस्थ्य विभाग की गाइडलाइन का पालन भी किया जाए। इसके अलावा सऊदी अरब ने भी अपनी मस्जिदें बंद कर दी, जिनमे दुनिया की सबसे पवित्र कही जाने वाली मक्का की मस्जिद भी शामिल है। ईरान की इस्लाम सरकार ने कहा है कि अगर मुसलमान लॉकडाउन के कारण रमज़ान में रोज़े न रखना चाहें तो कोई हर्ज़ नही।
भारत के बुद्धिजीवियों ने मौलवियों से सलाह करके भारतीय मुसलमानों के लिए कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं, जो इस प्रकार है…
– मस्जिदों के बजाय मुसलमान अपने घरों में नमाज़ पढेऔर लॉकडाउन में मस्जिदों से लाउडस्पीकर से अज़ान भी बंद कर दें।
– रोज़ा खोलने के बाद रात में पढ़ी जाने वाली नमाज़ और तरावीह (रोज़ा खोलने के बाद की एक अहम नमाज़) भी घरों में पढ़ें।
– मस्जिदों में इफ्तार पार्टी का आयोजन न करें।
– रमज़ान की ख़रीदारी के लिए घरों से बाहर न निकलें।
इसके अलावा रविवार को दारुल-उलूम-देवबंद से जारी फतवे में कहा गया कि इसी माह के अंतिम में सप्ताह में आरंभ होने वाले रमजान के महीने मभी COVID-19 से बचाव के लिए स्वस्थ्य विभाग ने हिदायत जारी की है। इसके चलते माह-ए-रमजान में पढ़ी जाने वाली विशेष तरावीह की नमाज भी अन्य नमाजों की तरह घरों में अदा की जाएं। मुफ़्ती-ए-कराम नेअपने फतवे में कहा है कि घरों में जमात की व्यवस्था न होने पर अकेले-अकेले भी तरावीह की नमाज अदा की जा सकती है। साथ ही घरों में रहकर कुरआन-ए-करीम की तिलावत और तौबा करते हुए देश व दुिनया में अमन-चैन और खुशहाली की दुआ भी की जाए.