बेटी बचाने की ज़िंदा मिसाल है डॉ. कोमल
बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): जन्म देते ही जुड़वां बेटियों को मां ने ठुकरा दिया तो उसका इलाज करने वाली अविवाहित महिला डॉक्टर ने उन्हें अपना लिया। अस्पताल प्रबंधन ने समझाया लेकिन उसने एक नहीं सुनी।
औपचारिकताएं पूरी कर सोमवार को वह दोनों बेटियों को लेकर अपने गांव पहुंची तो पूरे गांव ने उसे हाथोंहाथ लिया। बेटी बचाने की यह मिसाल पेश की गुलावठी के गांव ईसेपुर निवासी सीताराम यादव की 29 वर्षीय अविवाहित बेटी डॉ. कोमल ने।
डॉ. कोमल वर्तमान में फर्रुखाबाद के एक निजी अस्पताल में तैनात हैं। डॉक्टर कोमल के मुताबिक उनकी ड्यूटी के दौरान 10 दिन पहले एक महिला ने अस्पताल में जुड़वां बेटियों को जन्म दिया था।
I SALUTE HER …
डॉ. कोमल मैडम, आप जियो हजारो साल क्योकि तुम्हारे जैसे डाक्टरो को इस भारत भूमि को सख्त जरूरत है ! इस कार्य के लिये भगवान आपके और आपकी इन दोनो बेटियो के जीवन मे अपार खुशिया भर दे !
सलाम ऐसे लोगों को !
अती उत़म सोच !