06 मई 2021
विनुविनीत त्यागी
(बी.सी.आर.न्यूज)
बीसीआर न्यूज़: जैसा कि, आप जानते ही होंगे बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद परिणाम आते ही अचानक बंगाल राजनीतिक व जातीय हिंसा से दहक उठा। चुनाव परिणाम आते ही TMC के कार्यकर्ताओं ने बंगाल में ग़दर मचा रखा हैं, जिसके चलते वहाँ भाजपा के दर्जनों कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा जा चुका है और भाजपा नेताओ के सैकड़ों कार्यालय व घरों को भी आग के हवाले कर स्वाह कर दिया गया हैं। हिंसा के इसी क्रम के चलते अब TMC के गुंडों ने BSF के घर पर भी तोड़फोड़ कर आगजनी की कोशिशे की हैं व BSF जवानों के वहाँ पर रह रहे परिजनों को भी निशाना बनाकर,मार पीट कर घायल कर दिया गया हैं। अब ये समझ नहीं आ रहा हैं कि, ये राजनीतिक,जातीय हिंसा हैं या फिर एक और नया पाकिस्तान नुमा देश बनाने के लिए विद्रोह हैं, जिसकी मुख्य कर्ताधरता TMC सुप्रीमों ममता बनर्जी ही हैं, जिनके संरक्षण में ही उनकी पार्टी के उन्मादी गुंडे इस विद्रोह हिंसा को अंजाम दे रहे हैं।
आपको बता दें कि, अब बंगाल में सीमा रक्षकों के घरों पर भी हमले हो रहे हैं अब पश्चिम बंगाल में।सूत्रों के मुताबिक़, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने दो अलग-अलग जगहों पर BSF_India के जवानों के घरों पर हमले किये हैं। तोड़फोड़, आगज़नी, मारपीट की गई है। शर्मनाक है, जवानों या उनके घरवालों पर ये हमला।
पहला मामला जलपाईगुड़ी ज़िले के रानीरहाट इलाक़े का है जहां छुट्टी पर आए बीएसएफ़ के जवान कमल सेन के घर पर टीएमसी से जुड़े गुंडों ने हमला बोला, कमल और परिवार वालों के साथ मारपीट कर उन्हें घायल किया और घर, ट्रैक्टर और बाइक में आग लगा दी। घायल जवान सिलिगुड़ी के अस्पताल में भर्ती है।
दूसरी घटना कूचबिहार की है, जहां सुशांत बर्मन नामक बीएसएफ जवान के घर पर हमला किया गया है और लूट मचाई गई है। इस वजह से इस जवान के परिवार के सदस्य घर छोड़कर भागे हुए हैं, उनकी जान को ख़तरा है। जवान का भाई बीजेपी समर्थक है, इसलिए ये हमला किया गया। इस मामले में शिकायत भी दर्ज हुई है।
ये दोनों ही घटनाएँ ये बताने के लिए काफी हैं कि पश्चिम बंगाल में हालात क्या हैं। अगर सीमाऱक्षक खुद या उनके परिवार और मकान सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी की कौन कहे। जो लफ़ंगों, गुंडों और घुसपैठियों से देश को बचाते हैं, खुद उन पर यें लफ़ंगे उनके घर में हमले कर रहे हैं। हद है ये सब।
बीएसएफ़ के उच्चाधिकारियों ने दोनों ही मामलों में स्थानीय प्रशासन और पुलिस से कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। देखना ये होगा कि ममता बनर्जी के बंगाल में खुद सीमा रक्षकों के परिवारों को न्याय मिलेगा या नहीं, वो भी अगर हमले करने वाले उनकी खुद की पार्टी TMC के कार्यकर्ता हों।
सीमा रक्षक के जवान अपने ही देश में उनके परिवार सुरक्षित नही हैं इससे बड़ी शर्म कि बात और क्या हो सकती हैं।
बंगाल में अब ये TMC & BJP राजनीतिक लड़ाई नहीं रहीं, बल्कि अब दो सम्प्रदाय के बीच धर्म-मजहब की प्रतिस्पर्धा को लेकर राह गई हैं।
जो बंगाल में हो रहा अब शायद 2029 तक सारे भारत में हो सकता है ।30% एकजुट लोग अपना प्रधानमंत्री बनाएँगे फिर शरिया और हिंदुओ का नरसंहार, बलात्कार होगा, तो क्या अब ये मान लिया जाए कि बंगाल में हो रहे कत्लेआम का और हिंसा का संकेत क्या एक और पाकिस्तान या बंगाल देश बनाने के लिए विद्रोह हैं।