बीसीआर न्यूज़ (नई दिल्ली): डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को गुरुवार बलात्कार मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद रोहतक ले जाया गया था.
स्थानीय पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन ने बताया कि पंचकुला में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दोषी ठहराने के बाद राम रहीम को सेना की सुरक्षा में आर्मी के पंचकुला स्थित वेस्टर्न कमांड में ले जाया गया था.
वेस्टर्न कमांड में कुछ देर रखने के बाद सेना का हेलिकॉप्टर राम रहीम को लेकर रोहतक के लिए उड़ा और उसने सुनारिया इलाके के पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में लैंड किया. इसके बाद उन्हें सड़क रास्ते से रोहतक की सुनारिया जेल ले जाया गया.
पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में जब राम रहीम हेलिकॉप्टर से पहुंचे तो उनके साथ एक महिला भी थी जिन्हें वह अपनी लंदन में रहने वाली बेटी बता रहे थे. वह महिला जेल तक उनके साथ रही. कॉलेज के जीओ मेस में राम रहीम के फिंगरप्रिंट्स लिए गए और उन्हें नाश्ते में दूध पीने के लिए दिया गया जो उन्होंने नहीं पिया.
रोहतक में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार ने बीबीसी हिंदी को बताया कि राम रहीम के लिए सुनारिया जेल की बैरक नंबर 6 पहले ही ख़ाली करा ली गई थी, और जेल में लाने के बाद उन्हें यहां रखा गया.
बैरक में आने के बाद गुरमीत राम रहीम सिंह ने तबीयत ख़राब होने की शिकायत की जिसके बाद उनके लिए पहले से गठित रोहतक पीजीआई के डॉक्टरों की टीम ने उनकी सेहत की जांच की और फिट घोषित कर दिया.
रात में 8 बजे राम रहीम को बैरक नंबर 6 से निकालकर अप्रूवल सेल में रखा गया. रोहतक के वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि अप्रूवल सेल में बेड, एसी की पहले से व्यवस्था होती है.
अप्रूवल सेल में राम रहीम ने एक कटोरी दाल, 2 रोटी और उसके साथ नींबू और आम का अचार खाया था. उसके बाद गुरमीत राम रहीम सिंह सेल में ही टहले और रात 12 बजे तक जागते रहे.
ये भी बताया जा रहा है कि जेल में जाने के बाद राम रहीम को थोड़ी बेचैनी हो रही थी और उनकी ईसीजी भी कराया गया था.
वहीं, रोहतक में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है. पूरे ज़िले की सीमाओं पर नाकेबंदी और आने-जाने वाले वाहनों की वीडियोग्राफ़ी हो रही है और हर गाड़ी के नंबर नोट किए जा रहे हैं.
उधर सिरसा से स्थानीय पत्रकार प्रभु दयाल ने ख़बर दी कि डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय से लोगों ने बाहर निकलना शुरू कर दिया है. सिरसा के एक स्थानीय पत्रकार ने बीबीसी हिंदी को बताया कि ये लोग खेतों के रास्ते निकल रहे हैं क्योंकि इस समय शहर में ना बसें चल रही हैं और ना रेलगाड़ी
उन्होंने बताया कि लोग 10-15 की टोली में राजस्थान की तरफ़ निकल रहे हैं. इससे पहले पुलिस और सेना ने आदेश दिया था कि लोग डेरे से निकलकर अपने घर चले जाएं.
डेरा से निकलने वाले लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है. जब प्रभु दयाल ने इन लोगों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी बताने इनकार कर दिया.