*वाह भाई गजब: कानपुर के मशहूर गैंग्सटर विकास दुबे व उसके साथियों ने नहीं कब्जाई किसी की भी जमीन, नहीं मिली कोई भी शिकायत, ये कुख्यात दुबे का ख़ौफ़ था या प्रसासन की लीपा पोती.*
*17 जुलाई 2020*
*विनुविनीत त्यागी*
*( बी. सी. आर. न्यूज़ )*
*उत्तर प्रदेश: कानपुर।*
बता दें कि, अभी बीते दिनों जिला कानपुर के बिकरु गांव के निवासी गैंग्सटर दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को पकड़े गई पुलिस से विकास दुबे व उसके गैंग के साथ जबरदस्त मुठभेढ़ हुई थी, जिसमे एक डीसीपी रेंक के अधिकारी सहित आठ पुलिसकर्मी शाहिद हो गए थे। उसके बाद से यूपी पुलिस विकास दुबे व उसके गैंग के गुर्गों को ढूंढ ढूंढ उन अपराधियों का सफाया करने में लगी हैं, जिसके दौरान मध्यप्रदेश के उज्जैन से मप्र पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए कुख्यात विकास दुबे को यूपी पुलिस कानपुर लेकर आ रही थी. वही कानपुर से पहले ही एक सड़क दुर्घटना के चलते, विकास दुबे ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की जिसमे पुलिस मुठभेढ़ में दुर्दांत अपराधी विकास का भी अंत हो गया। और इसके बाद यूपी पुलिस ने प्रदेश में अपराधियों की धर पकड़ के चलते कई कुख्यात अपराधियो को भी हिरासत में लिया, एवम कई विकास गैंग के गुर्गे पुलिस एनकाउंटर में भी मारे गए. अब इसी कड़ी में पुलिस की छानबीन व त्वरीत कार्यवाही के चलते। अब एक और खुलासा हुआ है कि, कुख्या विकास ने अपने आतंक के चलते किसी की भी कोई जमीन जबरन नही कब्जाई हैं, जबकि क्षेत्र के लोगो का अब कुछ अलग ही कहना है और प्रशासन का रिकॉर्ड कुछ और ही बता रहा हैं, अब इसे कुख्यात विकास के आतंक का ख़ौफ़ कहे या प्रशासन की मिली भगत से लीपा पोती, कहीं तो जरूर कुछ झोल हैं।
पूरे देश में जिस विकास दुबे के दुस्साहस की चर्चा हुई उसने किसी की भी जमीन पर अवैध कब्जा नहीं किया था। कम से कम शिकायतों के रिकॉर्ड से तो यही पता चला है। इसे दुर्दांत अपराधी का खौफ कहें या फिर सरकार तंत्र की लीपा-पोती विकास और उसके गुर्गों के खिलाफ किसी भी थाना दिवस या तहसील दिवस में कोई शिकायत नहीं मिली है। करीब आधा दर्जन सरकारी विभागों की रिपोर्ट भी यही कह रही है। जिला प्रशासन ने रिपोर्ट एसआईटी को भेज दी है। हालांकि उसकी शह पर बिकरू गांव के तीन किसानों की करीब तीन हेक्टेयर जमीन पर कब्जा किए जाने की मौखिक शिकायत जरूर की गई है।
जिला प्रशासन ने विकास दुबे और उसके गुर्गों की ओर से कब्जा की गई जमीनों पर तहसील और थाना दिवस में की गई शिकायतों की रिपोर्ट तलब की थी। बिकरू गांव की न्याय पंचायत दिलीप नगर के बोझा, विरोहा, मरहमतनगर, कीरतपुर, बसेन, भीटी, पूरा बुजुर्ग, देवकली, शिवराजपुर, कंजती और रामपुर सखरेज आदि गांवों में जांच कराई गई। बिल्हौर तहसील, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी, पंचायत, केडीए, नगर निगम, हाईवे अथॉरिटी समेत अन्य विभागों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी है। जांच में पाया गया कि तहसील व थाना दिवसों में विकास दुबे व उसके साथियों के खिलाफ कोई शिकायत भी नहीं आई। एडीएम फाइनेंस वीरेंद्र पांडेय ने इसकी पुष्टि की।
विकास की शह पर तीन हेक्टेयर जमीन पर कब्जा
बिल्हौर तहसील की रिपोर्ट के मुताबिक विकास दुबे की शह पर बिकरू गांव के तीन किसानों की करीब तीन हेक्टेयर जमीन पर कब्जा जरूर किए गया है। इसमें बताया गया है कि गफूर खां की जमीन पर छोटे, अब्दुल जमील की जमीन पर गयादीन और रहीस की जमीन पर रामचंद्र का कब्जा है। सभी ने मौखिक रूप से बताया है कि विकास दुबे की सहमति से कब्जा किया था।
*भूमाफिया पोर्टल पर भी नहीं हुई शिकायत*
रिपोर्ट के मुताबिक विकास दुबे और उसके साथियों के खिलाफ भूमाफिया पोर्टल पर भी कोई शिकायत नहीं हुई है। राजस्व विभाग की टीम ने पूरा पोर्टल खंगाला है। उस पर जमीन कब्जाने व धमकाने समेत अन्य कोई शिकायत नहीं हुई है।।