बीसीआर न्यूज़ (तारिक़ आज़मी/खरसिया) दिनांक 8 मार्च 2014 को समाचार प्रकाशन से खिन्न होकर महिला पत्रकार श्रीमती आरती वैष्णव के ऊपर हुए जानलेवा हमला एवम् उसमे हुए मासूम बच्चे की गर्भ में मौत के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने पीड़िता आरती वैष्णव को पत्र भेज कर उनका पक्ष एवम् बयान भेजने को कहा है।
छत्तीसगढ़ राज्यमानव अधिकार आयोग ने पत्र क्रमांक 1503 /मा.अ.आ./Rgh/49/2014/Nhrc रायपुर दिनाक 20/5/2015 के माध्यम से आयोग के पत्र क्रमांक 13/2/2015 एवम् 24/3/2015 का हवाला देते हुए पुलिस कप्तान द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन के सम्बन्ध में पीड़िता का टिप माँगा गया है । ताकि महिला पत्रकार श्रीमती आरती वैष्णव के ऊपर किये गए जानलेवा हमले में गर्भस्थ शिशु के मृत्यु हो जाने पर आरोपी मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्रीमती कृष्णा खटिक एवम् उनके सहयोगियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जा सके। उक्त मामले में पुलिस अधिक्षक कार्यालय द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन भी भेजा गया है एवम् पीड़ित महिला पत्रकार से उनका टिप माँगा गया है। उक्त मामले पुलिस अनुविभागीय अधिकारी पूजा अग्रवाल द्वारा पीड़िता को कथन हेतु नोटिस भेजना एवम् पीड़िता महिला पत्रकार को फरार होना बताया गया है। जबकि पीड़िता के द्वारा आरोपी कृष्णा खटिक एवम् अन्य के विरुद्ध दिनाक 8/3/2014 को दर्ज कराये गए अपराध क्रमांक 87/14 जिसमे वर्तमान में भरत राठौर एवम् राजकपूर कछवाहा पति कृष्णा खटिक के नाम धारा 294,452,354,34,506,392 का अपराध पंजीबद्ध है । उक्त मामले में बयान लेने एवम् घटना स्थल का नजरी नक्सा के लिए थाना मदनपुर में पदस्त ए एस आई श्रीमती संतरा चौहान थाना प्रभारी सलीम तिग्गा के निर्देश पर घर आ कर दिनाक 3 फ़रवरी 2015 को शाम 5 बजे बयान ले चुकी है किन्तु आज तक अन्य आरोपियों का नाम नही जोड़ा गया है । जबकि उन्ही के विभाग के आला अधिकारी द्वारा पीड़ित आरती वैष्णव को फरार होना बता रही है । जबकि नगर पालिका द्वारा बकायदा पत्रकार सम्मान समारोह में महिला पत्रकार को स्थानीय नगरपालिका अध्यक्ष एवम् भाजपा नेताओं द्वारा 3 मई को सम्मानित भी किया गया था। नगरपालिका चुनाव ,विधानसभा चुनाव,लोक सभा चुनाव सहित सभी सरकारी आयोजनों में शक्रिय भागीदारी करते रहने के बावजूद sdop के द्वारा फरार बता करके उक्त मामले में आज तक बयान नही लिया गया है। बिना बयान लिए लगातार मानवाधिकार आयोग को झूठा प्रतिवेदन फरार बता कर प्रेषित किया गया है । साथ ही मामले के सह आरोपियों के विरुद्ध घटना के 15 माह बित जाने के बावजूद अपराध पंजीबद्ध नही किया गया है जिससे आरोपियों के हौसले बुलन्द है एवम् आरोपियों के द्वारा घटना गवाहों को डराया धमकाया जा रहा है।
साथ ही प्रतिवेदन में पीड़ित पत्रकार के इलाज के दौरान डॉ आर एल हॉस्पिटल रायगढ़ में बच्चे के मौत का कारण कुर्सी से चोट लगना बताया गया है जबकि पीड़िता 24 घण्टे तक बेहोस पड़ी थी। पुलिस अधिक्षक के बयान में आरोपियों के विरुद्ध समुचित कार्यवाही होना बताया गया है जबकि आज तक 5 अन्य आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज नही किया गया है ।जबकि पीड़िता का बयान लिया जा चूका है। पीड़िता ने डॉ प्रिया अग्रवाल के हॉस्पिटल में इलाज के दौरान बेहोश होने के कारण किसी भी प्रकार के बयान डॉ प्रिया अग्रवाल को देने से इंकार किया है। इस प्रतिवेदन के सम्बन्ध में पीड़िता को अपनी टिप्पणी के साथ जवाब प्रस्तुत करने 15 दिवस का समय दिया गया है ताकि आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही हो सके।पीड़ित महिला पत्रकार ने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त मामले के आरोपी सी एम ओ कृष्णा खटिक अपने सहयोगियों धनसाय यादव एवम् राजेश शर्मा सहित अन्य के साथ मिलकर मामला वापिस लेने धमकी दे रही है। प्रकरण वापिस नही लेने पर मकान को तोड़ने की धमकी दे रही है ।