निर्माता और निर्देशकों के साथ साथ दर्शको की कसौटी पर भी हमेशा खरा उतरा हूँ-पारस जायसवाल
बीसीआर न्यूज़/राजू बोहरा (नई दिल्ली): भारतीय टेलीविजन के दर्शको के लिए धारावाहिक लेखक पारस जायसवाल का नाम किसी खास परिचय का मोहताज नही है। वह बतौर धारावाहिक लेखक पिछले बीस वर्षो से भी अधिक समय से छोटे पर्दे के धारावाहिको और बड़े पर्दे की फीचर फिल्मो के लेखन मे लगातार सक्रिय है और दूरदर्शन के नेशनल चैनल डीडी वन से लेकर लगभग सभी प्राइवेट चैनल्स तक के दर्जनों लोकप्रिय धारावाहिकों का सफल निर्देशन लेखन कर चुके है। पारस जायसवाल बॉलीवुड के उन गिने चुने भाग्यशाली सीरियल राईटरो में से एक है जिन्हे भारतीय टेलीविजन के कई नामचीन व बेहद पॉपुलर सीरियलो को लिखने का का अवसर मिला है जिनमे मंगलसूत्र, शमा, मुआवजा, ऐ दिल-ए-नादान, नर्गिस, कसक, कष्मकष, कुल की ज्योती कन्या, इम्तहान, एहसास कहानी एक घर की, हम तुमको ना भूल पायेंगे, सपने साजन के, अर्धांगिनी, सुराग, सबूत, डिटेक्टिव करन, राज द थ्रीलर, वो कौन, मुज़रिम कौन, ख़ौफ़ “उम्मीद नई सुबह की“ जैसे नामी-गिरामी चर्चित धारावाहिकों उनके खाते में मुख्य रूप से शामिल है जिन्हे दर्शको ने काफी सराहा भी। इस समय भी पारस जायसवाल दूरदर्शन प्राइम टाइम के तीन चर्चित नए डेली शो ”जि़न्दगी एक भँवर“ ”दर्द का रिश्ता“ ”बेटी का फ़र्ज़“और एक डीडी किसान के डेली शो “गौरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा“ लिख रहे है। धारावाहिको के साथ-साथ उन्होंने बताया कि उनकी तीन फि़ल्में फ्लोर पर हैं “लव की ऐसी की तैसी“, “इश्क़ सूफि़याना“, “वकीलों की दुकान“। कुछ और भी फि़ल्मों पर वो काम भी कर रहे हैं, जो आने वाले समय में सामने आयेंगे।
छोटे और बड़े पर्दे के दर्शको के लिए जागरूक करने वाले धारावाहिको और फिल्मो के सशक्त लेखन लिए पिछले ही दिनों उन्हे ’’सरस्वती कला रत्न“अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें पिछले ही दिनों डॉ० हरिवंश राय बच्चन की स्मृति में आयोजित ’अखिल भारतीय स्वतंत्र लेखक मंच’ द्वारा 25 वे वार्षिक महोत्सव में पूर्व केंद्रीय मंत्री एव पूर्व राज्यपाल श्री डॉ० भीष्म नारायण सिंह के हाथो नई दिल्ली मे प्रदान किया गया। उसी अवसर पर हमारी मुलाक़ात पारस जायसवाल से हुई तो हमने उनसे पूछा कि उनकी षोहरत का राज़ क्या है ? तो पारस जायसवाल का कहना था कि फि़ल्म इण्डस्ट्री में प्रतिभा के आधार पर ही पहचान और सम्मान मिलता है। आगे उन्होंने कहा कहानी का विषय चाहे जो भी हो वह उसकी ग़हराई में उतर कर उसे लिखते हैं और यही उनके सफलता की सीढ़ी है जिस पर वो निरन्तर आगे बढ़ रहे हैं।
पारस जायसवाल के बारे में उनके सभी निर्माता और निर्देशकों का कहना है कि पारस जायसवाल एक सुलझे हुए और बेहतरीन लेखक हैं, जिनकी लेखनी से सिर्फ वही नहीं, टीम का हर सदस्य संतुष्ट रहता है चाहे वो कलाकार हो, प्रोडक्षन हाउस हो या फिर चैनल हो पारस जायसवाल दर्शको की पसंद को भली-भांति समझते हैं और इसीलिए हर बार उनकी हर लेखनी दर्शको की कसौटी पर खरी उतरती हैं।
धारावाहिक लेखन में एक बड़ा नाम बन चुके पारस जायसवाल ने सिर्फ़ दूरदर्शन पर ही अब तक 50 से ज़्यादा सीरियल लिखे हैं। पारस जायसवाल ने बताया कि उन्होंने हर तरह के सीरियल लिखे हैं और सारे मशहूर भी रहे हैं। जिसमें काॅमेडी भी है, थ्रीलर भी है, साइन्स फिक्शन भी है, मैथोलाॅजी और हिस्टोरिकल सीरियल भी हैं । हर तरह के विषय पर उन्होंने कलम चलाई है और उस विषय के साथ न्याय किया है । पारस जायसवाल कहते हैं कि उनके लिए सबसे बड़ी खुशी की बात ये होती है कि जब वो पूरी प्रोडक्शन टीम को संतुष्ट और खुश देखते हैं। जब सेट पर उनकी लेखनी को लेकर चर्चे होते हैं, तारीफे की जाती हैं तो इसे पारस अपनी खुश किस्मती और ईश्वर की बहुत बड़ी देन मानते है।