बीसीआर न्यूज़ (अजय शास्त्री/नई दिल्ली/गाजियाबाद): दिल्ली से सटे गाजियाबाद का नाम भी बदलने की बात सामने आ रही है. इलाहाबाद और फैजाबाद के बाद मुजफ्फरनगर के नाम बदलने को लेकर हुई मांग के बीच अब गाजियाबाद का नाम भी बदला जा सकता है.
उत्तर प्रदेश के जिलों का नाम तेजी से बदलने की कवायद हो रही है. एक के बाद एक नाम बदल रहे हैं. अब इसी कड़ी में गाजियाबाद का नंबर आने की खबर है. बताया जा रहा है कि गाजियाबाद का नाम बदलकर चौधरी चरण सिंह नगर किया जा सकता है. यह खबर जैसे ही आई गाजियाबाद में अलग-अलग लोगों के अलग-अलग पक्ष सामने आने लगे हैं.
नाम बदले जाने पर HC जाएंगे वंशज!
गाजियाबाद को 1740 में सम्राट गाजीउद्दीन ने बसाया था. शहर के बीचोबीच आज भी गाजीउद्दीन की बड़ी हवेली है, जहां उनके वंशज रहते हैं. गाजीउद्दीन के वंशजों ने सवाल उठाया है कि गाजियाबाद का नाम नहीं बदला जाना चाहिए और अगर ऐसा होने की कवायद शुरू होती है तो वे हाईकोर्ट जाएंगे.
फिल्म बन चुकी है जिला गाजियाबाद पर
गाजीउद्दीन ने इस शहर का नाम गाजीउद्दीन नगर रखा था, लेकिन 1857-58 की लड़ाई के दौरान गाजियाबाद के नाम से इसे पहचाना जाने लगा. इस शहर के लोग भी कह रहे हैं कि तेजी से विकसित हुए गाजियाबाद का नाम नहीं बदला जाना चाहिए. अभिभावक कह रहे हैं कि बार-बार वे अपने बच्चों को क्या सिखाएंगे. कभी गाजियाबाद तो कभी कुछ अन्य नाम बताना पड़ेगा, तो वहीं व्यापारी कह रहे हैं कि गाजियाबाद का नाम नहीं बदलना चाहिए. इसकी पहचान जिला गाजियाबाद ही रहनी चाहिए. इस पर फिल्म भी बन चुकी है.
मेयर- सरकार जो कर रही वो सही
वहीं गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा कहती हैं कि जो सरकार कर रही है सही कर रही है. गाजियाबाद का नाम अगर बदले जाने की बात सामने आ रही है तो सरकार सही फैसला ले रही है. इस मामले पर हमने गाजियाबाद शहर के विधायक और मंत्री अतुल गर्ग से भी बात की, तो उनका कहना है कि अभी ऑफिशियल जानकारी नहीं मिली है कि नाम बदला जाएगा या नहीं, लेकिन हाल ही में संगीत सोम ने मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की बात कही थी. उस पर मंत्री अतुल गर्ग ने सहमति जाहिर की है और कहा है कि हर शहर को उसका असली नाम दिया जाना चाहिए.
गाजियाबाद शहर को गाजीउद्दीन ने बसाया
यहां बता दें कि पुराने समय में गाजियाबाद में चार दरवाजे हुआ करते थे जिनमें जवाहर गेट, डासना गेट, दिल्ली गेट पर सिहानी गेट प्रमुख थे. बताया जाता है कि गाजीउद्दीन जब हिंडन नदी किनारे आया करते थे, तो वहां उनको काफी अच्छा लगता था इसलिए उन्होंने शहर को बसाया. इस समय गाजियाबाद में गाजीउद्दीन की आठवीं पीढ़ी रह रही है. गाजियाबाद में ही गाजीउद्दीन की मजार भी है. गाजीउद्दीन के नाम से पार्क और अन्य सार्वजनिक स्थल भी गाजियाबाद में है.
गाजीउद्दीन की यादें आज भी हवेली में!
गाजीउद्दीन की हवेली में आज भी पुरानी यादें बसी हुई हैं. हवेली में पुराना ग्रामोफोन दिखाई दिया, जिसे गाजीउद्दीन चलाते थे और अपना मन बहलाते थे गाजीउद्दीन की हुक्का, तलवारे और अन्य सामान और पुरानी तस्वीरें भी हवेली में मौजूद हैं. उनका परिवार कह रहा है कि यह सब गाजीउद्दीन की यादें हैं और गाजियाबाद शहर भी उन्हीं की एक याद का हिस्सा है, जिसका नाम किसी भी सूरत में नहीं बदलने देंगे. कुल मिलाकर गाजियाबाद का नाम बदलने की बात सामने आते ही विवाद शुरू हो गए हैं. अब देखना यह होगा कि क्या वाकई गाजियाबाद का नाम कागजों में बदल पाता है या फिर नहीं.