बीसीआर न्यूज़ (अजय शास्त्री/गाजियाबाद): भ्रष्टाचार के मामले में फरार चल रही यूपी पुलिस की इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान समेत सभी सात पुलिस कर्मियों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट मेरठ के बाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई।
हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया है। इन सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हर हाल में जमानत हासिल करने के लिए आरोपियों ने सभी तरह के हथकंडे इस्तेमाल कर रहे हैं। उधर, मामले के विवेचना अधिकारी आतिश कुमार सिंह ने भी जमानत याचिका खारिज कराने के लिए तथ्यात्मक रिपोर्ट लगाई है। गौरतलब है कि 70 लाख रुपये के गबन के मामले में फरार चल रही लिंकरोड थाने की तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान और अन्य आरोपी गिरफ्तारी के डर से फरार हैं। यह है मामला साहिबाबाद साइट-4 औद्योगिक क्षेत्र स्थित सीएमएस इंफो सिस्टम कंपनी एटीएम में कैश डालने का काम करती है। कंपनी ने 22 अप्रैल को लिंक रोड थाने में कंपनी के कैश कस्टोडियन एजेंट राजीव सचान के खिलाफ करीब 72.50 लाख रुपये गबन का मामला दर्ज कराया था। जांच में यह मामला साढ़े तीन करोड़ रुपये के गबन का निकला। इस मामले में पुलिस ने 24 सितंबर की रात राजीव सचान को साथी आमिर के साथ गिरफ्तार कर उनसे 1.15 करोड़ रुपये बरामद कर लिए। लेकिन फर्द में महज 45 लाख 81 हजार 500 रुपये की बरामदगी ही दिखाई गई।