विनुविनीत त्यागी
(बी. सी. आर. न्यूज़)
आपको बता दें कि, कल 20 सितम्बर को कृषि विधेयक लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पास हो होने के बाद से ही संसद में काफी हल्ला, हंगमा मचा हैं । जिसके चलते कल सदन के अंदर ही आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह व तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने सभापति के सामने ही मार्शल से अभत्र्त करते हुए लात वहंसो से मार्शल की गला दबाकर जबरदस्त पिटाई कर राज्यसभा में खुल्लम खुल्ला नंग्गा नाच किया था। जिसमे आज सदन में सभापति ने कारवाही करते हुए संजय सिन व डेरेक ओ ब्रायन सहित 8 सांसदों को एक सप्ताह के लिए सदन निलम्बित कर दिया हैं।
वहीं अब इस विधेयक का खेल देखिये, हरसिमरत कौर का मंत्री पद से इस्तीफा देना समझ आ जाएगा।
कृषि विधेयक नोटबंदी पार्ट 2 है.
जैसे नोटबंदी से ब्लैक मनी का जखीरा दबाये रखने वाले नेस्तनाबूद हो गये थे , वैसे ही इस बिल से पंजाब और महाराष्ट्र के दो दिग्गज बर्बाद हो गये ।
पंजाब के सुखबीर सिंह बादल और महाराष्ट्र के शरद पवार की वाट लग गई.
सुखबीर के सुखबीर एग्रो को कम से कम 5000 करोड़ सालाना की आय होती थी । वे एफ. सी. आई. और किसानों के बीच के कमीशन एजेंट थे । उनकी कंपनी को 2.5% कमीशन मिलता था । सारे वेयरहाउस उन्हीं के थे । बगैर सुखबीर एग्रो का ठप्पा लगे कोई किसान एक टन गेहूँ भी एफ. सी. आई. को बेच नहीं सकता था ।
जोर का झटका जरा जोर से ही गया, एक ही झटके में सब बर्बाद हो गया.
महाराष्ट्र में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले 10000 करोड़ रुपये का कृषि आय दिखाती थी । पूरे प्याज , मिर्च और अंगूर के व्यापार पर इसी परिवार का कंट्रोल था, इस बिल ने शरद पवार को भी कहीं का नहीं छोड़ा । मोदिया डालियाँ नहीं काटता , जड़ ही काट देता है ,अकाली दल और एन. सी. पी. को अगले चुनाव में शायद भीख माँगते हुए भी देखा जा सकता।।