बीसीआर न्यूज़/दिल्ली: नेशनल हेराल्ड प्रकरण भारतीय अर्थशास्त्री और राजनेता द्वारा दायर दिल्ली की एक अदालत में एक चल रहा मामला हैं, नेशनल हेराल्ड प्रकरण वर्तमान समय (दिसम्बर २०१५) में जारी एक मुकदमा है जिसे भारत के प्रसिद्ध राजनेता सुब्रमनियन स्वामी ने सोनिया गाँधी, राहुल गांधी एवं उनकी कम्पनियों एवं उनसे सम्बन्धित अन्य लोगों के विरुद्ध आरम्भ किया है। इस मामले में गांधी परिवार को एक बहुत बड़ा झटका तब लगा जब प्रवर्तन निदेशालय नें ६४ करोड़ रूपए की सम्पत्ति को स्थायी रूप से कुर्क कर दिया। ये सम्पत्तियाँ हरियाणा के पंचकुला में हैं।
अब आपको बताते हैं कि, आखिर नेशनल हेराल्ड के हैं क्या, नेहरू जी ने नेशनल हेराल्ड नामक अखबार 1930 में शुरू किया। धीरे-धीरे इस अखबार ने 5000/- करोड़ की संपत्ति अर्जित कर ली। आश्चर्य की बात ये है कि इतनी संपत्ति अर्जित करने के बावजूद भी सन् 2000 में यह अखबार घाटे में चला गया और इस पर 90 करोड़ का कर्जा हो गया।
नेशनल हेराल्ड की तत्कालीन डायरेक्टर्स, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और मोतीलाल वोरा ने, इस अखबार को यंग इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी को बेचने का निर्णय लिया।
अब मज़े की बात ये हैं कि, यंग इंडिया के डायरेक्टर्स थे, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, ऑस्कर फेर्नाडीज़ और मोतीलाल वोरा।
डील यह थी कि यंग इंडिया, #नेशनल हेराल्ड के 90 करोड़ के कर्ज़ को चुकाएगी और बदले में 5000 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति यंग इंडिया को मिलेगी।
इस डील को फाइनल करने के लिए नेशनल हेराल्ड के डायरेक्टर मोती लाल वोरा ने “तत्काल” यंग इंडिया के डायरेक्टर मोतीलाल वोरा से बात की, क्योंकि वह अकेले ही, दोनों ही कंपनियों के डायरेक्टर्स थे।
अब यहाँ एक और नया मोड़ आता है। 90 करोड़ का कर्ज़ चुकाने के लिए #यंग इंडिया ने कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ का लोन माँगा।
इसके लिये कांग्रेस पार्टी ने एक मीटिंग बुलाई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के महासचिव शामिल हुए।
और यह वरिष्ठ लोग कौन हैं
सोनिया, राहुल, ऑस्कर और मोतीलाल वोरा।
कांग्रेस पार्टी ने लोन देना स्वीकार कर लिया और इसको कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने पास भी कर दिया और #यंग इंडिया के डायरेक्टर मोतीलाल वोरा ने ले लिया और आगे #नेशनल हेराल्ड के डायरेक्टर मोतीलाल वोरा को दे दिया।
अभी कुछ और मज़ा बाकी था…
अब कांग्रेस पार्टी ने एक मीटिंग और बुलाई जिसमें सोनिया, राहुल, ऑस्कर और वोरा साहब सम्मलित हुए।
उन्होंने मिलकर यह तय किया कि #नेशनल हेराल्ड ने आज़ादी की लड़ाई में बहुत सेवा की है इसलिए उसके ऊपर 90 करोड़ के कर्ज़ को माफ़ कर दिया जाए और इस तरह 90 करोड़ का छोटा सा कर्ज माफ़ कर दिया गया।
और इस तरह से #यंग इंडिया जिसमें 36 प्रतिशत शेयर सोनिया और राहुल के हैं और शेष शेयर ऑस्कर और वोरा साहब के हैं, को, 5000 करोड़ की संपत्ति मिल गई…
जिसमें, एक 11 मंज़िल बिल्डिंग जो बहादुर शाह जफ़र मार्ग दिल्ली में और उस बिल्डिंग के कई हिस्सों को अब पासपोर्ट ऑफिस सहित कई ऑफिसेस को किराये पर दे दिया गया है।
इसको कहते हैं राख के ढेर से महल खड़ा कर लेना।
राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी इसी नेशनल हेराल्ड केस में 5000 करोड़ के घोटाले में जमानत पर हैं, ये हैं कांग्रेसियों के घोटालों में एक छोटा सा फर्जीवाड़ा ।।
विनुविनीत त्यागी
(बी.सी.आर. न्यूज़)