बीसीआर न्यूज़/नई दिल्ली: आपको ज्ञात तो होगा ही कि, रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जित का विवाद सैकडों वर्षो चला आ रहा था, जो अभी बीती वक्त भाजपा सरकार के कार्यकाल में देश के उच्चतम न्यायालय सुप्रीम कोर्ट में एक अरसे से चल रहे बाबरी मस्जित व राम जन्मभूमि के विवादित के में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए विवादित भूमि को हिन्दुओं को दे दिया एवम अयोध्या में ही बाबरी मस्जित कमेटी व सुन्नी वफ बोर्ड को मस्जित के नाम पर करीब 5 एकड़ भूमि राम जन्मभूमि परिसर से अलेहदा दे दी गई।
जिसके बाद अब बीते अगस्त माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शिलान्यास कर राम जन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया, इसी के मद्देनजर अब अयोध्या में बाबरी मस्जिद के लिए दी गई जमीन पर अब सुन्नी मुस्लिम वफ बोर्ड द्वारा मस्जित निर्माण कार्य भी जल्द ही शुरू किया जायेगा, जिसमे अगर मस्जित के शिलान्यास कार्यक्रम में मुस्लिम वफ बोर्ड द्वारा मुख्यमंत्री योगी जी को आमंत्रण दिया जाता तो योगी जी ने अपने सन्यासी पंथ की मर्यादा को देखते हुए मस्जिद शिलान्यास कार्यक्रम जाने से पहले साफ इंकार कर दिया हैं।
आपको बता दें कि, 5 अगस्त को भगवान श्रीराम जी की जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर बनाए जाने को लेकर 500 वर्षों का लंबा इंतजार समाप्त हुआ और श्री राम जन्म भूमि पर भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण कार्य के लिए शिलान्यास किया गया। इस दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत एवं कई अन्य गणमान्य गण मौके पर मौजूद रहे।
वहीं दूसरी और बात करें तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को बाबरी मस्जिद की विवादित जगह के बदले अयोध्या में ही 5 एकड़ भूमि अलग से दी गई है जहां पर जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। राम मंदिर शिलान्यास से कुछ दिनों पूर्व यह विषय काफी चर्चा में रहा कि क्या जब सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी गई जमीन पर बाबरी मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा तो प्रधानमंत्री एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वहां पर भी शिलान्यास करने पहुंचेंगे।
तो अब इस मुद्दे से जुड़े जवाब सुन्नी वक्फ बोर्ड और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों की तरफ से सामने आ गए हैं साथ ही कुछ अन्य सवाल जो इस श्री राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर काफी चर्चा में थे उनके भी जवाब सामने आए हैं जिससे अब सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर भी लगाम लग सकेगी और जो लोग जवाब पाने के लिए उत्सुक है उन्हें जवाब भी मिल जाएगा।
सबसे पहले बात करें सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमीन पर बनाए जाने वाली मस्जिद को लेकर तो सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा साफ-साफ बताया गया है कि कई दिनों से सोशल मीडिया पर यह अफवाह काफी तेजी से फैल रही है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमीन पर जो मस्जिद बनाई जाएगी उसका नाम बाबरी मस्जिद ही रखा जाएगा लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है वहां बनाए जाने वाली नई मस्जिद का नाम बाबर के नाम पर नहीं रखा जा रहा है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमीन पर मस्जिद बनाने और उसके शिलान्यास को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमीन पर केवल मस्जिद नहीं बनाई जाएगी वहां पर मस्जिद के साथ-साथ अस्पताल, कम्युनिटी सेंटर और साथ ही एक कम्युनिटी किचन भी बनाया जाएगा।
इसके अतिरिक्त इस्लामिक मामलों पर चर्चा के लिए एक रिसर्च सेंटर का निर्माण भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमीन पर किया जाएगा। इसके लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना की गई है जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमीन पर यह सभी चीजों का निर्माण कराने का कार्य करेगी।
इसी के चलते मस्जिद एवं अन्य चीजों के निर्माण के लिए बनाए गए इंडो इस्लामिक कल्चरल ट्रस्ट के प्रवक्ता द्वारा बताया गया कि इस्लाम धर्म में शिलान्यास एवं पूजा पाठ की इजाजत नहीं है इसलिए मस्जिद का निर्माण कार्य केवल नींव खोदकर शुरू किया जाएगा लेकिन जब हॉस्पिटल एवं कम्युनिटी सेंटर बनाया जाएगा तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जरूर आमंत्रित किया जाएगा।
वही बात करें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तो उन्होंने अभी हाल ही में प्रेस को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि यदि मस्जिद के शिलान्यास का कार्यक्रम आयोजित होता है तो ऐसे कार्यक्रम में ना तो उन्हें आमंत्रित किया जाएगा और ना ही वे वहां जाने वाले हैं।
लेकिन इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के प्रवक्ता द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि मस्जिद के शिलान्यास का कोई कार्यक्रम नहीं होगा लेकिन जब हॉस्पिटल एवं अन्य चीजों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा तो वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जरूर आमंत्रित करेंगे।
इसलिए अब देखना यह होगा कि क्या सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा मस्जिद के निर्माण कार्य की शुरुआत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निमंत्रण भेजा जाता है या नहीं और योगी आदित्यनाथ इस पर अपनी क्या प्रतिक्रिया देते हैं। हालांकि वे पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वे मस्जिद निर्माण के किसी भी कार्य में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराएंगे।।
विनुविनीत त्यागी
(बी.सी.आर. न्यूज़)