बीसीआर न्यूज़/दिल्ली: आपको बता दें कि, राकेश टिकैत ने मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए, फिर से एक बेतुका बयान दिया हैं। कश्मीर मुद्दे को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे अपने किसान आंदोलन को कश्मीर में धारा 370 के मुद्दे जोड़ते हुए दे डाला बेहद बेहूदा बयान, जिसके बाद से ही राकेश टिकैत को सोसल मीडिया पर काफी ट्रोल भी किया जा रहा हैं।
राकेश टिकैत ने कहा है कि 370 हटने के बाद से किसान परेशान हैं. घाटी में सिर्फ कुछ निजी कंपनियों को फायदा दिया जा रहा है. वहीं अगर किसान इस सब का विरोध करने लगे तो उन्हें आतंकवादी बता दिया जाता हैं।
किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले नेता राकेश टिकैत लगातार अपना विरोध प्रदर्शन जारी रख रहे हैं. अब उनका ये आंदोलन आठवें महीने में प्रवेश करने जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है. किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं, सरकार की अपनी दलील है. अब राकेश टिकैत से आजतक ने खास बातचीत की है. बातचीत में टिकैत की तरफ से कश्मीर और अनुछेद 370 पर भी बयान दिया गया है.
धारा 370 पर को लेकर किसानों का क्या है कनेक्शन:राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा है कि 370 हटने के बाद से किसान परेशान हैं. घाटी में सिर्फ कुछ निजी कंपनियों को फायदा दिया जा रहा है. वहीं अगर किसान इस सब का विरोध करने लगे तो उन्हें आतंकवादी बता दिया जाता है, वहीं पीएम की सर्वदलीय मीटिंग पर तंज कसते हुए वे कह गए कि गर्मी का मौसम है तो कश्मीर दिख रहा है, इसलिए वहां कर रहे होंगे बात.
वैसे कश्मीर पर तो टिकैत ने ज्यादा नहीं बोला, लेकिन अपने किसान आंदोलन को धार देने की पूरी कोशिश की. उन्होंने बताया कि फिर किसान आंदोलन के आठवें महीने में ट्रैक्टर के जरिए प्रवेश करेंगे. बयान में कहा गया है- यह सरकार को चेतावनी भी है और सरकार को डराना भी है. हम ने यह कहा कि 2500000 आदमी भी यहीं हैं और चार लाख ट्रैक्टर भी यहीं हैं. हम देख रहे हैं कि किसान को 7 महीने हो गए और 26 तारीख को 8वें महीने में प्रवेश कर जाएंगे. ऐसे में अब ट्रैक्टर के साथ ही तो प्रवेश करेंगे ना.
राकेश टिकैत ने सदन को बता डाला ‘किसानों का अस्पताल…
वहीं बातचीत के दौरान टिकैत ने देश के सदन को ‘किसानों का अस्पताल’ बता दिया है. वे मानते हैं कि भारत सरकार का इलाज तो गांव में होगा, उन्हें दवाई भी किसान ही देंगे. लेकिन अगर कोरोना का इलाज करना है तो अस्पताल जाना पड़ेगा. वे मानते हैं कि अब सदन में लिख दिया जाए- किसानों का अस्पताल. राकेश टिकैत ने इस बात की भी जानकारी दी है कि किसानों द्वारा लगातार टैक्टर रैली की जाएंगी. वे इसका रिहर्सल करते रहेंगे.
उन्होंने कहा है कि जैसे 26 जनवरी के परेड की रिहर्सल होती है उसी तरह हम ट्रैक्टरों को रिहर्सल करवाते रहेंगे. जैसे पुलिस वालों और पायलट की ट्रेनिंग होती है, उसी तरीके से ट्रैक्टर दिल्ली की तरफ आना ना भूल जाएं, इसलिए रिहर्सल करवाया जा रहा है.
मोदी सरकार को लेकर भी कर डाली टिकैत ने भविष्यवाणी..
अब क्योंकि कई राज्यों में चुनाव भी दस्तक देने जा रहे हैं. ऐसे में बातचीत के दौरान टिकैत ने उस पर भी तंज कस दिया है. उनके मुताबिक सरकार को बंगाल से दवाई मिल चुकी है, अब कुछ दवाई यूपी और उत्तराखंड से भी मिल जाएगी. जोर देकर कहा गया है कि 2024 तक सरकार का पूरा इलाज हो जाएगा. इशारों में वे कह गए हैं कि मोदी सरकार 2024 का चुनाव हारने जा रही है।।
विनुविनीत त्यागी
(बी.सी.आर. न्यूज़)